Mahakavya Kal | Jain Dharm | 24 tirthankar | jain dharm ke triratna | महाकाव्य काल | जैन धर्म | 24 तीर्थंकर | पांच महाव्रत | जैन धर्म में त्रिरत्न | पांच अणुव्रत | जैनियों की तीन संगीतियां | - NEWS SAPATA

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Friday, June 14, 2019

Mahakavya Kal | Jain Dharm | 24 tirthankar | jain dharm ke triratna | महाकाव्य काल | जैन धर्म | 24 तीर्थंकर | पांच महाव्रत | जैन धर्म में त्रिरत्न | पांच अणुव्रत | जैनियों की तीन संगीतियां |

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Mahakavya Kal | Jain Dharm | 24 tirthankar | jain dharm ke triratna


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महाकाव्य काल


प्रश्न- महाकाव्य काल किसे कहते हैं।
उत्तर- महाभारत और रामायण के काल को महाकाव्यो का काल कहत हैं।

प्रश्न- रामायण और महाभारत की रचना का समय।
उत्तर- रामायण की रचना लगभग 1200 ई.पू. अथवा 1000 ई.पू.  तथा महाभारत की रचना 500 ई.पू. मानी जाती है।

प्रश्न- रामायण और महाभारत के रचियता कौन हैं
उत्तर- रामायण के रचियता महर्षि बाल्मीकि तथा महाभारत के महर्षि वेदव्यास हैं।

प्रश्न- रामायण और महाभारत के मुख्य विषय क्या हैं।
उत्तर- रामायण में अयोध्या के राजा रामचन्द्रजी का चरित्र-चित्रण किया गया है और महाभारत में कौरव व पाण्डवों के युद्ध का वर्णन है।

प्रश्न- महाकाव्य काल में राजा के प्रमुख पदाधिकारी कौन थे।
उत्तर- सामंत, युवराज, पुरोहित, द्वारपाल, धर्माध्यक्ष, दण्डपाल, नगराध्यक्ष, दुर्गपाल, कारागाराधिकारी आदि। 

प्रश्न- चतुरंगिणी सेना किसे कहा जाता था।
उत्तर- महाकाव्य काल में सेना के चार अंग होते थे।
1. पैदल
2. घोड़े
3. हाथी
4. रथ
इसे चतुरंगी सेना कहा जाता था।

प्रश्न- महाभारत में मंत्रिपरिषद की संख्या कितनी थी।
उत्तर- 4- ब्राह्मण
8- क्षत्रिय
21- वैश्य
3- शूद्र
1- सूत 

प्रश्न- महाभारत में कितने पर्व हैं।
उत्तर- 18 पर्व

प्रश्न- महाभारत कालीन प्रमुख गणतंत्रों के नाम।
उत्तर- अंधक, वृष्णि, यादव, कुकुर तथा भोज।

प्रश्न- रामायण में कितने काण्ड व श्लोक हैं।
उत्तर- 7 काण्ड व 24 श्लोक हैं।

प्रश्न- महाकाव्यकालीन प्रमुख देवी-देवताओं के नाम। 
उत्तर- ब्रह्मा, विष्णु, शिव, गणेश, दुर्गा, पार्वती, लक्ष्मी आदि।

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जैन धर्म

प्रश्न- सर्व प्रथम जैन धर्म के विषय में वर्णन कहां हुआ है।
उत्तर- वैदिक साहित्य में ऋग्वेद में अहिंसा को प्रधानता देने वाले धर्म का वर्ण है।

प्रश्न- तीर्थंकर शब्द से क्या समझते हैं।
उत्तर- जैन धर्म वाले अपने सर्वोच्च आचार्यों को तीर्थंकर कहते हैं।

प्रश्न- जैन धर्म के अंतिम और 24वें तीर्थंकर कौन थे। उनका वास्तविक नाम क्या था।
उत्तर- महावीर स्वामी। उनका वास्तविक नाम वर्द्धमान था।

प्रश्न- महावीर स्वामी का जन्म कब और कहां हुआ।
उत्तर- 599 ई.पू. वैशाली के समीप कुण्डग्राम में हुआ था।

प्रश्न- महावीर स्वामी के पिता व माता का क्या नाम था। इनके पिता किस गणराज्य के शासक थे।
उत्तर- पिता का नाम सिद्धार्थ तथा माता का नाम त्रिशला था। इनके पिता ज्ञात्रिक नामक क्षत्रियों के गणराज्य के शासक थे। 

प्रश्न- महावीर स्वामी को ज्ञान की प्राप्ति कहां और कब हुई। 
उत्तर- ज्ञान की प्राप्ति जम्मिय ग्राम के समीप ऋजुपालिका नदी के तट पर 42 वर्ष की अवस्था में बैसाख माह की दशमी को हुई। 

प्रश्न- केवल्य से आप क्या समझते हैं तथा केवल्य प्राप्ति के पश्चात वर्द्धमान किन नामों से प्रसिद्ध हुए। 
उत्तर- वर्द्धमान के ज्ञान प्राप्त करने को केवल्य कहा जाता है। केवल्य प्राप्ति के पश्चात वर्द्धमान केवलिन, जिन, अहंत, विग्रन्थ ताि महावीर के नाम से प्रसिद्ध हुए। 

प्रश्न- महावीर स्वामी के अनुयायी क्या कहलाए गए। 
उत्तर- जैन

प्रश्न- महावीर स्वामी के धर्म प्रचार का मुख्य केन्द्र कहां हुआ था।
उत्तर- धर्म प्रचार का मुख्य केन्द्र बिहार था। इन्होंने उत्तर तथा दक्षिणी बिहार के सभी प्रमुा नगरों चम्पा, मिथिला, श्रावस्ती, वैशाली तथा राजगृह में जैन धर्म का प्रचार किया।

प्रश्न- महावीर स्वामी का देहांत कब और कहां हुआ था।
उत्तर- महावीर स्वामी का देहांत 72 वर्ष की अवस्था में 527 ई.पू. में पटना में पावा नामक स्थान पर हुआ था।

प्रश्न- महावीर स्वामी की प्रथम भिक्षुणी कौन थी।
उत्तर- चम्पा नरेश दधिवाहन की पुत्री चन्दना।

प्रश्न- गणधर कौन होते थे।
उत्तर- जैन धर्म के समस्त भिक्षु 11 भागों में बंटे हए थे। ये गण कहलाते थे। प्रत्येक भाग का एक अध्यक्ष होता था जो गणधर कहलाता था।

प्रश्न- जैन धर्म की दो प्रमुख शाखाएं।
उत्तर- 1. दिगम्बर
2. श्वेताम्बर

प्रश्न- जैनियों की तीन संगीतियां कहां-कहां आयोजित की गई।
उत्तर- पहली जैन संगीति पाटलिपुत्र में, 
दूसरी एक ही समय (महावीर स्वामी की मृत्यु के 827-840 वर्ष उपरांत) कई स्थानों पर हुई।
तीसरी संगीति बल्लभी (गुजरात) के देवधिगणि नामक एक भिक्षुक की अध्यक्षता में हुई।

प्रश्न- जैनों के धार्मिक ग्रंथ कौन-कौन से हैं।
उत्तर- 1. बारह अंग
2. बारह उपांग
3. दस प्रकीर्ण
4. चार मूल सूत्र
5. छरू छेद सूत्र
6. नन्दि सूत्र अनुयोगद्वार

प्रश्न- पांच महाव्रत कौन-कौन से हैं।
उत्तर- 1. अहिंसा
2. सत्य भाषण
3. अस्तेय
4. अपरिग्रह
5. ब्रह्मचर्य

प्रश्न- महावीर स्वामी से पूर्व के तीर्थंकरों ने चार महाव्रत बताए थे। महावीर स्वामी ने कौनसा महाव्रत जोड़ दिया।
उत्तर- महावीर स्वामी से पूर्व अहिंसा, सत्य, अस्तेय व अपरिग्रह चार महाव्रत थे। महावीर स्वामी ने पांचवा महाव्रत ब्रह्मचर्य और जोड दिया।

प्रश्न- जैन धर्म में त्रिरत्न का वर्णन कीजिए।
उत्तर- 1. सम्यक ज्ञान - सच्चा और पूर्ण ज्ञान।
2. सम्यक दर्शन - तीर्थंकरों में विश्वास करना
3. सम्यक चरित्र - इन्द्रियों के वशीभूत न होकर कार्य करना। 

प्रश्न- जैन धर्म के दस विशेष नियम कौन से हैं।
उत्तर- 1. धर्म
2. क्षमा
3. नम्रता
4. शालीनता
5. सत्य
6. स्वच्छता
7. आत्म संयम
8. पवित्रता
9. त्याग
10. अविवाहित जीवन

प्रश्न- पांच अणुव्रत किसके लिए हैं तथा ये कौन-कौन से हैं।
उत्तर- ग्रहस्थों के लिए पांच अणुव्रत हैं।
1. अहिंसाणुव्रत
2. सत्याणुव्रत
3. अस्तेयाणुव्रत
4. अपरिग्रहाणुव्रत
5. ब्रह्मचर्याणुव्रत

प्रश्न- स्यादवाद अथवा सप्तभंगी सिद्धान्त क्या है।
उत्तर- जैन धर्म में ज्ञान विभिन्न दृष्टिकोणों से देखा गया है। जैन धर्म में एक बात को सात प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है। इस सिद्धान्त के अनुसार कोई बात हो भी सकती है और नहीं भी। इसे स्यादवाद कहते हैं। 

प्रश्न- जैन धर्म के कितने तीर्थंकर हुए। उनके नाम क्या हैं।
उत्तर- 24 तीर्थंकर हुए।
1. ऋषभदेव, 2. अजिनाथं, 3. सम्भवनाथ, 
4. अभिनन्दन, 5. सुमतिनाथ, 6. पदमप्रभु, 
7. सुपाश्वेनाथ, 8. चन्द्रप्रभु, 9. पुष्पदत्त, 
10. शीतलनाथ, 11. श्रेयांसनाथ, 12. वासुपूज्य,
13. विमलनाथ, 14. अनन्तनाथ, 15. धर्मनाथ, 
16. कुंथनाथ, 17. शांतिनाथ, 18. अरसाथ, 
19. मल्लिनाथ, 20. मुनिसुवतनाथ, 21. नमिनाथ, 
22. नेमिनाथ, 23. पाश्र्वनाथ, 24. महावीर स्वामी।

प्रश्न- जैन धर्म का प्रचार भारत में व्यापक न होने के क्या कारण थे।
उत्तर- 1. तपस्या, तप अथा आचार-विचार के कठोर नियम।
2. कठोर अहिंसा का पालन।
3. वैदिक धर्म से पूर्णरूप से पृथक न करना।
4. राजकीय संरक्षण का अभाव।
5. वैदिक धर्म के तत्वों का समावेश।
6. बौद्ध धर्म का उदय।

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