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Monday, May 27, 2019

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बौध धर्म
1 संस्थापक
-महात्माबुध-लुम्बनी गांव-563 ईपू
2 पिता
-शुद्धोधन शाक्यगणराज्य के प्रधान थे
माता-
मायादेवी कोलीयगण की राजकुमारी।
4 माता का देहांत-जन्म के सातवें दिन
5 पालन पोषण
- प्रजापति गौतमी जो कि इनकी मौसी थी।
6 विवाह
-16 वर्ष में यशोधरा से ।
7 यशोधरा के अन्य नाम
-बिम्बा, गोपा, भद्कच्छना था।
8 पुत्र -राहुल
9 गृहत्याग -29 वर्ष-महाभिनिष्क्रमण।
10 सिर मुंडवाया और कषायवस्त्र धारण -अनोमा नदी तट
11 संबोधी या ज्ञान प्राप्ति-निरंजना नदी या पुनपुन नदी-35 वर्ष-वैशाख पूर्णिमा-पीपल वृक्ष-तथागत नाम मिला -संबोधी के बाद ही बुध कहलाए।
12 बुध घर से निकलने के बाद कहां-कहां गए प्रमुख स्थान -महाभिनिष्क्रमण-अनोमा नदी तट-सांख्य दर्शन आचार्य अलार कलाम के वैशाली के समीप स्थित आश्रम में-उरूवेला या बोधगया-सारनाथ ।
13-प्रथम प्रवचन -धर्म चक्र प्रवर्तन - सारनाथ-पांच ब्राह्मण सन्यासियों को-बौधसंघ में प्रथम प्रवेश।
14-बौध धर्म के सर्वप्रथम अनुयायी
-तपस्स और भल्लक--दोनों शूद्र।
15 -बुध ने सर्वाधिक उपदेश-कौशल की राजधानी श्रावस्ती में।
16-मगध-प्रचार केन्द्र
17-बौधसंघ की स्थापना-सारनाथ-प्रमुख शिश्य-आनंद और उपालि।
18-बुध की मृत्यु
-हिरण्यवति नदी किनारे स्थित कुशीनारा में-483 ईपू-80 वर्ष-महापरिनिर्वाण।
19-मृत्युपूर्व कुशीनारा में परिव्राजक सुभच्छ को उपदेश दिया।
20-प्रथम महिला भिक्षुणी -प्रजापति गौतमी।
21-बौध धर्म-अनिश्वरवादी-आत्मा में विश्वास नहीं-पुनर्जन्म में विश्वास।

-त्रिरत्न

1 बुध
2 संघ
3 धम्म।

-चार आर्य सत्य

1 दुःख,
2 दुःख समुदाय,
3 दुःख निरोध,
4 दुःख निरोध गामिनी प्रतिपदा।

बौध संगीतियां

प्रथम-483 ईपू-सप्तपर्णिगुफा-राजगृह-बिहार-अजातशत्रु-महाकस्सप अध्यक्ष था।
दूसरी-383 ईपू-चुल्लबग-वैशाली-बिहार-कालाशोक-सुबुकामी अध्यक्ष था।
तीसरी-250ईपू-पाटलीपुत्र-अशोक-मोगालिपुत्त तिस्स की अध्यक्षता।
चतुर्थ-72 ईपू-कुंडलवन-कश्मीर-कनिश्क-वसुमित्र की अध्यक्षता में।

-प्रच्छन्न बौध-शंकराचार्य।
-विनय पिटक में संघ में रहने वाले भिक्षुओं के लिए बनाए नियम हैं|

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