Upnishads | Samved ke Upnishads | सामवेद के उपनिषद - NEWS SAPATA

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Monday, May 28, 2018

Upnishads | Samved ke Upnishads | सामवेद के उपनिषद

Upnishads | Samved ke Upnishads | सामवेद के उपनिषद

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संस्कृत के स्टूडेंट्स के लिए संस्कृत साहित्य और संस्कृत साहित्य का इतिहास काफी महत्वपूर्ण होता है। वेद इसका प्रमुख अंग हैं। वेदों की परंपरा में वेद, ब्राह््मण, आरण्यक और उपनिषद शामिल हैं। इनमें वेदों से कहीं कहीं उपनिषदों को जोड़ा गया है। इस कारण इनकी संख्या 108 तक चली जाती है। लेकिन प्राचीन उपनिषद देखें तो कुल 14 हैं। इनमें से 10 महत्वपूर्ण हैं।
इसके नाम याद रखने जरूरी हैं। इन्हें हम इस श्लोक से याद रख सकते हैं।

ईश-केन-कठ-प्रश्न-मुण्ड-माण्डूक्य-तित्तिरि:।
ऐतरेयं च छान्दोग्यं ब्रहदारण्यकं तथा।।
लेकिन इसके नाम के साथ विषयवस्तु और उन प्रश्नों को भी याद रखना जरूरी है जो कि एग्जाम्स में आते हैं। तभी सही मायने में हमारा संस्कृत पढऩा सफल होगा। क्योंकि आज के जमाने में एक नौकरी जरूरी ताकि संस्कृत से जीवकोपार्जन हो सके।
यहां हम आपको यजुर्वेद के शुक्ल यजुर्वेद और कृष्ण यजुर्वेद के उपनिषदों और उनके महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर बता रहे हैं।

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सामवेद के उपनिषद


१ छान्दोग्योपनिषद संबंधित है।
-सामवदे से
२ छान्दोग्योपनिषद है।
-गद्यात्मक
३ छान्दोग्योपनिषद में अध्यायों की संख्या है।
-8 अध्याय और 154 खंड हैं।
४ ओम की उत्पत्ती का वर्णन है।
-छान्दोग्योपनिषद के दूसरे अध्याय में।
५ श्वेतकेतु को उनके पिता उ्दधालाक आरुणी ने ब्रह्मविद्या का उपदेश दिया है।
-छान्दोग्योपनिषद के षष्ठम अध्याय में।
६ तत्वमसि का उपदेश दिया है।
-छान्दोग्योपनिषद के षष्ठम अध्याय में।
७ नारद व सनत्कुमार का आख्यान दिया गया है।
-छान्दोग्योपनिषद के सप्तम अध्याय में।
८ दहर विद्या का वर्णन किया गया है।
-छान्दोग्योपनिषद के अष्टम अध्याय में।
९ अष्टम अध्याय में वर्णित प्रजापति के दो शिष्यों के नाम बताइये।
-इन्द्र व विरोचन
१० कनोपनिषद संबंधित है।
-सामवेद की जैमिनीय शाखा से ।
(इसे ही तलवकारोपनिषद या जैमिनीयोपनिषद भी कहा जाता है)
११ केनोपनिषद का प्रथम मंत्र है।
-केनोषितं पतति प्रेषितं मन: ।
१२ केनोपनिषद में कितने अध्याय और कितने खंड हैं।
- यह लघुकाय है। इसके 4 खंड हैं और कुल 34 मंत्र है। इसके 2 खंड पद्यात्मक व 2 खंड गद्यात्मक हैं।
१३ हैमवती उमा का आख्यान दिया गया है।
- केनोपनिषद के तीसरे खंड में
१४ अथर्ववेद की पैप्लाद शाखा से संबंधित है।
-प्रश्नोपनिषद
१५ प्रश्नोपनिषद में महर्षि पैप्लाद कितने ऋषियों के प्रश्नों का उत्तर देते हैं।
-६ ऋषियों के प्रश्नों का उत्तर देते हैं।
१६ प्रश्नोपनिषद के 6 खंडों को क्या कहा जाता है।
-प्रश्न कहा जाता है।
१७ प्रश्नोपनिषद के प्रश्नों महर्षि पिप्लाद से प्रथम और अंतिम प्रश्न किस किस ऋषियों ने प्रश्न किए।
- प्रथम ऋषि कबंध कात्यायान और अंतिम ऋषि थे सुकेशा भारद्वाज
१८ प्रश्नोपनिषद के प्रश्नों को संक्षिप्त में बताइये।

  1. कबंधी कात्यायन- सृष्टि कैसे हुई
  2. विदर्भ पुत्र भार्गव -कितने देवता प्रजा यानि सृष्टि को धारण करते हैं। उन्हें कौन प्रकाशित करता है और उनमें श्रेष्ठ कौन है।
  3. आश्वलायन- प्राण की उत्पत्ति कहां से होती है। शरीर में उसका प्रवेश व उत्क्रमण कैसे होता है।
  4. गार्ग्य - आत्मा की तीन अवस्थाओं जाग्रत, सुषुप्ति, स्वप्न का रहस्य क्या है।
  5. सत्यकाम - ओंकार की उपासना से किस लोक पर विजय होती है।
  6. सुकेशा भारद्वाज- षोडश कला संपन्न पुरुष का स्वरूप क्या है।

१९ प्रश्नोपनिषद है।
-गद्य में।

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