Three years of hard work made Dausa LaQshya Certified | तीन साल की अथक मेहनत ने बनाया दौसा को लक्ष्य सर्टिफाई
- सावन से पहले जिले की झोली में आई पहली बडी उपलब्धि से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हर्ष की लहर
- साढे तीन लाख से अधिक मरीजों का फीडबैक और पांच सौ से अधिक विजिट का सुफल
@दौसा। जिस सर्टिफिकेट के मिलने की खुशी में दौसा के जिला अस्पताल में केक काटा गया, इसके पीछे की कहानी बहुत दिलचस्प है।
जो लोग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की कार्यशौली पर प्रश्न उठाते हैं उनके लिए यह सर्टिफिकेट सबक भी है, क्योंकि तीन साल की अथक मेहनत, हर स्तर के अलग-अलग अधिकारियों की 500 से अधिक बैक-टू-बैक विजिट और साढे तीन लाख से अधिक मरीजों का फीडबैक बताता है कि विभाग ने आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोडी।
इसी का सुफल है दौसा जिला अस्प्ताल की एमसीएच विंग (मातृ शिशु कल्याण इकाई) को मिला #LAQSHYA लक्ष्य सर्टिफिकेट। यह सर्टिफिकेट @NHSRC एनएचएसआरसी (नेशनल हैल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर) की ओर से वर्ष 2024 की जारी रैंकिंग में प्रदान किया गया है, जो कि वाकई जिले के लिए बडी और कार्मिकों में उत्साह बढाने वाली प्रेरक उपलब्धि है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सीताराम मीणा ने बताया कि लक्ष्य यानि लेबर रूम क्वालिटी इंप्रूवमेंट इनिशिएटिव (एलएक्यूएसएचवाईए) जिले में लेबर रूम फैसिलिटी और मेटरनिटी ऑपरेशन थियेटर की उम्दा व्यवस्थाओं के लिए प्रदान किया गया है। केन्द्रीय टीम ने जब जांच की तो लेबर रूम फैसेलिटी को 91 प्रतिशत और मेटरनिटी ऑपरेशन थियेटर को 98.17 प्रतिशत अंक प्रदान किए। उन्हें यहां कोई कमी नहीं मिली। यह खबर वास्तव में विभागीय कार्मिकों की मेहनत को दर्शाता है।
What Is Laqshya | क्या है लक्ष्य
लक्ष्य #NQAS #एनक्वाश कार्यक्रम का ही एक भाग है। @NQAS एनक्वाश के नोडल अधिकारी और डिप्टी सीएमएचओ डॉ महेन्द्र सिंह गुर्जर ने बताया कि लेबर रूम क्वालिटी इंप्रूवमेंट इनिशिएटिव @LAQSHYA यानि #लक्ष्य एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके तहत मातृ एवं नवजात शिशु मृत्युदर कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
यह #NQAS एनक्वाश यानि नेशनल क्वालिटी एश्यौरेंस स्टेंडर्ड कार्यक्रम का ही एक भाग है। वर्तमान में जिला कलेक्टर श्री देवेन्द्र कुमार यादव ने एनक्वाश कार्यक्रम को प्राथमिकता से लिया है ताकि जच्चा-बच्चा को चिकित्सा सेवाएं और बेहतर तरीके से मिल सकें।
इसके तहत जिला अस्पताल की मातृ एवं शिशु इकाई यानि एमसीएच विंग में लेबर रूम और मेटरनिटी ऑपरेशन थियेटर की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है, जिसमें विशेष तौर पर इस एरिया में इन्फेक्शन में कमी लाना, साफ-सफाई, चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की टेªनिंग, दवाओं की उपलब्धता और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देकर कमियों को सुधारा जाता है।
कैसे मिली उपलब्धि
तीन साल पहले जब स्टेट टीम ने जिला अस्पताल की मेटिरनिटी विंग की विजिट की तो जिले को एवरेज से भी नीचे अंक मिले। यानि कुल अंकन 50 प्रतिशत से भी कम था। तभी से लगातार विजिट्स कर क्वालिटी सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे थे।
सीएमएचओ डॉ सीताराम मीणा के निर्देशन में एनक्वाश के जिला नोडल अधिकारी डॉ महेन्द्र सिंह गुर्जर, तत्कालिक पीएमओ डॉ सुभाष बिलोनिया, मेंटर डॉ हर्षिता, जिला कार्यक्रम प्रबंधक गौरव गुप्ता, जिला लेखा प्रबंधक सुरेन्द्र शर्मा, वर्तमान पीएमओ डॉ शिवराम मीणा, आरसीएचओ डॉ बीएलमीणा ने मय टीम लगातार अस्पताल की विजिट की। हर विजिट में बारीक से बारीक कमियों को चिह्नित करते हुए एमसीएच विंग प्रभारी डॉ सीएल सिंघल के सहयोग से उसे दूर करवाया।
लगातार मरीजों का फीडबैक भी लेते रहे और सुधार करते रहे। इस वर्ष जब स्टेट और केन्द्र से आई टीमों ने विजिट किया तो सभी मानक खरे पाए गए और जिला अस्पताल दौसा को लेबर रूम के सभी क्राईट एरिया में 91 प्रतिशत और मेटरनिटी ओटी को सभी क्राईट एरिया में 98.17 प्रतिशत अंक मिले। इसी आधार पर जिला अस्पताल को लक्ष्य सर्टिफाई घोषित किया गया।
आमजन को क्या फायदा
जिला अस्पताल के फिलहाल तीन वर्ष के लिए लक्ष्य सर्टिफाई किया गया है। यानि सेवाओं का स्तर उच्च बनाए रखना होगा। इससे अस्पताल में आने वाली गर्भवती और धात्री महिलाओं को गुणवत्ता युक्त सेवाएं लगातार मिलेंगी।
अस्पताल को भी तीन वर्ष में 18 लाख रूपए दिए जाएंगे, जिससे सेवाओं में और सुधार लाया जा सकेगा। इस उपलब्धी के मिलने से चिकित्सकों और चिकित्सा स्टाफ का मनोबल भी बढेगा।
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