UPPSC GIC Lecturer Syllabus And Exam Pattern | परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम - NEWS SAPATA

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Wednesday, December 23, 2020

UPPSC GIC Lecturer Syllabus And Exam Pattern | परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम

UPPSC GIC Lecturer Syllabus And Exam Pattern


 

दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको उत्तर प्रदेश में राजकीय इंटर काॅलेजों में प्रवक्ता भर्ती की परीक्षा योजना यानि एग्जाम पैटर्न और स्लेबस यानि पाठ्यक्रम के बारे में बता रहे हैं। इस पोस्ट में आपको उत्तर प्रदेश राजकीय इंटर काॅलेज प्रवक्ता भर्ती प्रारंभिक परीक्षा का सभी विषयों का पाठ्यक्रम और परीक्षा योजना तथा उत्तर प्रदेश राजकीय इंटर काॅलेज प्रवक्ता भर्ती मुख्य परीक्षा का विषयवार पाठ्यक्रम बता रहे हैं। उम्मीद है आप अपनी तैयारी और अच्छी कर पाएंगे और परीक्षा में सफलता अर्जित कर एक अच्छे शिक्षक बन पाएंगे। 


 

परीक्षा योजना - प्रारंभिक परीक्षा हेतु परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम

(प्रवक्ता भर्ती, राजकीय इंटर काॅलेज, उत्तर प्रदेश) 2020-21


प्रारम्भिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन/वैकल्पिक विषय का एक प्रश्नपत्र होगा जो वस्तुनिष्ठ व बहुविकल्पी प्रकार का होगा। इसमें प्रश्नों की संख्या 120 (वैकल्पिक विषय के 80 प्रश्न तथा सामान्य अध्ययन के 40 प्रश्न) होगा जो कुल 300 अंकों का तथा समय 2 घंटों का होगा।

UPPSC Govt Inter College Lecturer Recruitment Notification 


सामान्य अध्ययन

1- सामान्य विज्ञान
2- भारत का इतिहास
3- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
4- भारतीय राजतंत्र, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति
5- भारतीय कृषि, वाणिज्य एवं व्यापार
6- विश्व भूगोल तथा भारत का भूगोल एवं प्राकृतिक संसाधन
7- अधुनातन राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण घटनाक्रम
8- सामान्य बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता
 9- उत्तर प्रदेश की शिक्षा, संस्कृति, कृषि, उद्योग, व्यापार एवं रहन-सहन और सामाजिक प्रथाओं के संबंध में विशिष्ट जानकारी
10- प्रारम्भिक गणित (आठवीं स्तर तक) - अंक गणित, बीज गणित, रेखा गणित
11- परिस्थितिकी तथा पर्यावरण 


(वैकल्पिक विषयों का पाठ्यक्रम मुख्य परीक्षा की भांति होगा।)

परीक्षा योजना - मुख्य परीक्षा हेतु परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम

1 प्रथम प्रश्नपत्र- सामान्य हिन्दी एवं निबन्ध समय-02 घंटा पूर्णांक- 100 अंक (परम्परागत)
2 द्वितीय प्रश्नपत्र- वैकल्पिक विषय समय- 03 घंटा पूर्णांक- 300 अंक (परम्परागत)

प्रथम खंड सामान्य हिन्दी-50 अंक

1- अपठित गद्यांश का संक्षेपण, उससे सम्बन्धित प्रश्न, रेखांकित अंशों की व्याख्या एवं उसका उपयुक्त शीर्षक।
2- अनेकार्थी शब्द, विलोम शब्द, पर्यावाची शब्द, तत्सम एवं तदभव, क्षेत्रीय विदेशी (शब्द भण्डार), वर्तनी, अर्थबोध, शब्द-रूप, संधि, समास, क्रियाएं, हिन्दी वर्णमाला, विराम चिन्ह, शब्द रचना, वाक्य रचना, अर्थ, मुहावरें एवं लोकोक्तियां, उत्तर प्रदेश की मुख्य बोलियां तथा हिन्दी भाषा के प्रयोग में होने वाली अशुद्धियां।

द्वितीय खंड सामान्य हिंदी-50 अंक

इसके अन्तर्गत एक खण्ड होगा। इस खण्ड में से एक निबन्ध लिखना होगा। इस निबंध की अधिकतम विस्तार सीमा 1000 शब्द होगी।
निबंध हेतु निम्नवत् क्षेत्र होंगे:-
1- साहित्य, संस्कृति
2- राष्ट्रीय विकास योजनाएं/क्रियान्वयन
3- राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय, सामयिक सामाजिक समस्यायें/निदान
4- विज्ञान तथा पर्यावरण 5- प्रकृतिक आपदायें एवं उनके निवारण
6- कृषि, उद्योग एवं व्यापार




वैकल्पिक विषय, द्वितीय प्रश्न पत्र


1 परीक्षा योजना-वैकल्पिक विषयों के (परम्परागत) प्रश्न पत्र की रचना हेतु प्रश्न पत्रों के स्वरूप एवं अंकों का विभाजन निम्नवत हैः-


प्रश्नों की कुल संख्या- 20 होगी। सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे। सभी प्रश्न खण्डों में विभाजित रहेंगे।
खंड अ के अन्तर्गत प्रश्नपत्र में 05 प्रश्न सामान्य उत्तरीय (उत्तरों की शब्द सीमा 250) एवं प्रत्येक प्रश्न 25 अंक का होगा।
खंड ब के अन्तर्गत 05 प्रश्न लघुउत्तरीय ( सीमा 150) एवं प्रत्येक प्रश्न 15 अंक का होगा।
खंड स के अन्तर्गत 10 प्रश्न अतिलघु उत्तरीय (उत्तरों की शब्द सीमा 50) एवं प्रत्येक प्रश्न 10 अंक का होगा।


स्लेबस (प्रवक्ता भर्ती, राजकीय इंटर काॅलेज, उत्तर प्रदेश) 2020-21

संस्कृत


ऋग्वेद - अग्नि सूक्त (1.1.1), विश्वेदेवा सूक्त (1.89), विष्णु सूक्त (1.154), प्रजापति सूक्त (10.121)।
यजुर्वेद - शिव संकल्प सूक्त (34.1-6)।
कठोपनिषद् - प्रथम अध्याय (1-3 वल्ली)
ईशावास्योपनिषद - (सम्पूर्ण)
वैदिक वाङ्मय का संक्षिप्त इतिहास (काल निर्धारण, प्रतिपाद्य विषय)
वेदांग का संक्षिप्त परिचय (शिक्षा, निरुक्त, छन्द)
दार्शनिक चिन्तन
सांख्य दर्शन - सृष्टि प्रक्रिया, प्रमाण, सत्कार्यवाद, त्रिगुण का स्वरूप, पुरुष का स्वरूप (ग्रन्थ- सांख्यकारिका)
वेदान्त दर्शन - अनुबन्ध चतुष्टय, साधन चतुष्टय, माया का स्वरूप, ब्रह्म का स्वरूप (ग्रन्थ- वेदान्तसार)
न्याय/वैशेषिक दर्शन - प्रमाण (प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द) (ग्रन्थ- तर्कभाषा, तर्कसंग्रह)
गीता दर्शन - निष्काम कर्म योग, स्थितप्रज्ञ का स्वरूप (गीता: द्वितीय अध्याय)
जैन दर्शन एवं बौद्ध दर्शन का सामान्य परिचय (ग्रन्थ- भारतीय दर्शन -बलदेव उपाध्याय) 

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व्याकरण
1. लघुसिद्धान्त कौमुदी - संज्ञा प्रकरण, सन्धि प्रकरण, कृदन्त प्रकरण, तद्धित प्रकरण, स्त्री, प्रत्यय, समास।
2. सिद्धान्तकौमुदी - कारक प्रकरण।
3. वाच्य परिवर्तन (कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य)।
4. शब्द रूप (परस्मैपदी, आत्मनेपदी) - भू, एध, अद्, हु, दा, दिव्, सु, तुद्, रुध्, तन्, की, चुर।
भाषा विज्ञान
1.    भाषा की उत्पत्ति और परिभाषा
2.    भाषाओं का वर्गीकरण
3.    ध्वनि परिवर्तन, अर्थ परिवर्तन 



साहित्य शास्त्र
काव्य प्रकाश/साहित्य दर्पण- काव्य प्रयोजन, काव्य लक्षण, काव्यहेतु, काव्यभेद। शब्द-शक्ति (अभिधा, लक्षणा, व्यंजना)। रस का स्वरूप, रस भेद, विभाव-अनुभाव-सुचारी भाव, स्थायी भाव, भाव का स्वरूप। गुण का स्वरूप एवं भेद। रीति का स्वरूप एवं भेद।
अधोलिखित अलंकार का सामान्य परिचय-शब्दालंकार- अनुप्रास, यमक, श्लेष। अर्थालंकार- उपमा, रूपक, उत्पे्रक्षा अतिशयोक्ति, अर्थान्तरन्यास।
दशरूपक- नाट्य लक्षण, नाट्य भेद, अर्थप्रकृति, अवस्था, सन्धि, नायक का स्वरूप एवं भेद। पारिभाषिक शब्द- नान्दी, प्रस्तावना, सूत्रधार, कंचुकी, प्रवेशक, विष्कम्भक, प्रकाश, आकाशभाषित, जनान्तिक, अपवारित, स्वगत, भरतवाक्य।
ध्वन्यालोक (प्रथम उद्योत) - ध्वनि का स्वरूप।
रामायण एवं महाभारतः काल निर्धारण, उपजीव्यता, महत्व।
प्रमुख काव्य- किरातार्जुनीयप(प्रथम सर्ग), शिशुपालवधा (प्रथम सर्ग), नैषधीयचरिता (प्रथम सर्ग), रघुवंशम् (द्वितीय सर्ग), कुमार सम्भव (प्रथम सर्ग)।
प्रमुख खण्ड काव्य- मेघदूतम् नीतिशतक।
प्रमुख गद्य काव्य- कादम्बरी (कथामुख), शिवराजविजयम्(प्रथम निःश्वास)।
कथा साहित्य- पंचतंत्र, हितोपदेशः।
नाटक- अभिज्ञानशाकुन्तलम् (1-4 अंक), उत्तररामचरिम् (1-3 अंक), मृच्छकटिकम् (प्रथम अंक), रत्नावली, प्रतिमा नाटकम्
चम्पू काव्य- नलचम्पू (आर्यावर्त वर्णन)।
महाकाव्य, खण्डकाव्य, गद्यकाव्य, चम्पू काव्य एवं नाट्य-काव्य की उत्पत्ति एवं विकास।

हिन्दी

हिन्दी साहित्य का इतिहासः - हिन्दी-साहित्य के इतिहास-लेखन की परम्परा, हिन्दी-साहित्य के इतिहास का काल-विभाजन। 

आदिकाल- नामकरण, प्रमुख प्रवृतियाँ। 

भक्तिकाल- सामान्य विशेषताएँ, भक्तिकाल की धाराएँ- ज्ञानाश्रयी काव्यधारा, प्रेमाश्रयी (सूफी) काव्यधारा, कृष्णभक्ति काव्यधारा- रामभक्ति काव्यधारा, चारों काव्यधाराओं की प्रमुख प्रवृत्तियाँ। 

रीतिकाल-नामकरण, प्रमुख प्रवृत्तियाँ। 

आधुनिक काल- भारतेन्दुयुग, द्विवेदीयुग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी कविता, प्रपद्यवाद, नवगीत। 

विभिन्न कालों के प्रमुख कवि एवं उनकी प्रमुख रचनाएँ। प्रसिद्ध काव्य-पंक्तियों एवं सूक्तियों के लेखकों/कवियों के नाम। 

गद्य-साहित्य का उद्भव और विकासः - निबन्ध, उपन्यास, कहानी, नाटक, आलोचना। 

गद्य की अन्य नवीन विधाएँ-जीवनी-साहित्य, आत्मकथा, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, यात्रा-साहित्य, डायरी-साहित्य, व्यंग्य, इण्टरव्यू, बाल-साहित्य, स्त्री-विमर्श, दलित-विमर्श। 

युगप्रवर्तक लेखकों के नाम तथा उनकी प्रमुख रचनाएँ। 

पत्रकारिताः - -प्रमुख हिन्द पत्र-पत्रिकाएँः प्रकाशन-स्थान, प्रकाशन-वर्ष तथा उनके प्रमुख सम्पादकों के नाम। 

काव्यशास्त्रः - भारतीय काव्यशास्त्र-काव्यलक्षण, भेद। रस, छन्द, अलंकार, काव्य-सम्प्रदाय, काव्ययुग, काव्यदोष, शब्दशक्तियाँ।

भाषाविज्ञानः - हिन्दी की उपभाषाएँ, विभाषाएँ, बोलियाँ, हिन्दी की ध्वनियाँ, हिन्दी शब्द-सम्पदा। 

हिन्दी-व्याकरणः -सन्धि, समास, कारक, लिंग, वचन, काल, पर्यायवाची, विलोम शब्द, वर्तनी-सम्बन्धी अशुद्धिशोधन, वाक्य-सम्बन्धी अशुद्धिशोधन, वाक्यांश के लिए एक शब्द, अनेकार्थी शब्द, समोच्चरित-प्राय भिन्नार्थक शब्द, विरामचिन्ह, मुहावरा और लोकोक्ति। संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया और विशेषण। उपसर्ग, प्रत्यय। 

संस्कृत- साहित्य के प्रमुख रचनाकारों के नाम एवं उनकी प्रमुख कृतियाँः कालिदास, भवभूति, भारवि, माघ, भास, बाण, श्री हर्ष, दण्डी, मम्मट, भरतमुनि, विश्वनाथ, राजशेखर तथा जयदेव।

संस्कृत व्याकरण- सन्धि-स्वर सन्धि, व्यंजन सन्धि, विसर्ग सन्धि। समास, उपसर्ग, प्रत्यय। विभक्ति- चिन्ह (परसर्ग)- प्रयोग एवं पहचान। शब्दरूप- आत्मन्, नामन्, जगत्, सरित्, बालक, हरि, सर्व, इदम्, अस्मद्, युष्मद्। धातुरूप- स्था, पा, गम्, पठ्, हस्, धातु- केवल परस्मैपदी रूप में। काल। हिन्दी- वाक्यों का संस्कृत अनुवाद।


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