Keshvanand Bharti Kerar Rajya Mamla | केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य विवाद
-निर्णय आया-24 अप्रेल 1973 को
-सुप्रीम कोर्ट की खंड पीठ में सदस्य थे-13
-अभी तक सुप्रीम कोर्ट की खंड पीठ में सदस्यों की यह अधिकतम संख्या है।
-इस खंड पीठ की अध्यक्षता की देश के मुख्य न्यायाधीश एसएम सीकरी ने।
-खंड पीठ ने 7-6 के बहुमत से निर्णय किया था इस फैसले में।
-मामले की सुनवाई 31 अक्टूबर 1972 से 23 मार्च 1973 तक यानि 68 दिन तक लगातार चली।
-इस मामले से 29वां संविधान संशोधन जुडा हुआ है।
फैंसला क्या था
अनुच्छेद 368 संसद को संविधान में संशोधन की शक्ति प्रदान करता है। लेकिन केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य विवाद में उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया कि संसद संविधान में तो संशधन कर सकती है, लेकिन संविधान की मूलभूत संरचना में संशोधन नहीं कर सकती।
फैंसले के फायदे
-सरकार की तानाशाही पर अंकुश।
-न्यायपालिका और संसद में संतुलन बना।
संविधान की मूलभूत संरचना क्या है ।
-संघवाद
-पंथ निरपेक्षता
-लोकतंत्र
-संविधान की सर्वोच्चता
-विधि का शासन ।
-न्यायपालिका की स्वतंत्रता।
-शक्तियों का प्रथक्करण
-धर्मनिरपेक्षता
-संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य
-संसदीय प्रणाली
-स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव
-कल्याणकारी राज्य
अन्य प्रशन
-इस मामले में वकील थे नानी पालकीवाला।
-केशवानंद भारती को केरल का षंकराचार्य भी कहते हैं।
-6 सितम्बर 2020 को केशवानंद भारती की मृत्यु हुई।
-केरल की परंपरागत थियेटर विद्या यक्षगान को पुनर्जिवित किया।
-ये दार्शनिक, संत और शास्त्रीय गायक थे।
-कासरगोड में इडनीर मठ के ये मठाधीश थे। यह पीठ केरल में है और शैव पीठ है।
Nice information sir
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