Who was waiting for the city that come in the dark
शहरवासियों को जिसका इंतजार था वो मुंह अंधेरे ही आ धमका
Rain |
अलवर। अलवर जिले के लोगों को जिसका इंतजार था व बुधवार सुबह मुंह अंधेरे ही आ धमका। वह भी इतने जोरदार तरीके से कि जब लोगों की आंख खुली तो लोग देखते रह गए। सब तरफ उसका अहसास था और लोगों ने खुले दिल से उसका स्वागत किया।
अलवर उमस के लिए कुख्यात है। यहां इतनी उमस पड़ती है कि नहाने के कुछ ही सैकंड बाद लोग पसीने से तर हो जाते हैं। वातावरण में यदि आद्र्रता है तो कूलर भी फेल हो जाते हैं। पिछले कुछ दिन से अलवर में ऐसा ही बुरा माहौल बना हुआ था। कूलर फेल थे और बिजली का भी भरोसा नहीं।
ऐसे में राहत दे सकता था तो वह थी बरसात। लेकिन अभी मानसून एक पखवाड़े दूर है। ऐसे में लोगों को बरसात का इंतजार तो था, लेकिन उम्मीद नहीं थी। मंगलवार रात लोग मन मारकर सोए कि किसी तरह रात निकले।
लेकिन जब सुबह उठे तो जोरदार बरसात उनका स्वागत कर रही थी। सुबह पांच बजे अलवर में जमकर बरसात हुई जो सात बजे तक जारी रही। बरसात काफी तेज थी। सडक़ों पर पानी भर गया और सूखी तपती दीवारें तर और ठंडी हो गई। जिस टंके के पानी से मुंह धोते डर लगता था वह इतना ठंडा हो गया कि सुबह की उमस तक गायब तो गई। लोगों ने राहत की सांस ली और इस बरसात का दिल खोलकर स्वागत किया।
अलवर में बुधवार मुंह अंधेरे दो घंटे जमकर बरसात हुई। लेकिन इस बरसात ने शहर में सफाई के दावों की पोल खोल दी। स्वर्गरोड़ तो नर्क रोड से भी बदतर नजर आने लगा। यहां नगर परिषद के कर्मचारियों और खुद सफाईकर्मियों का निवास है। ये लोग खुद के इलाके की सफाई नहीं कर सके। ऐसे में लोगों में चर्चा रही कि ये शहर को क्या साफ रखेंगे।
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