Important Q & A of Vedas, Brahmins, Aranyak Granth
वेद, ब्राह्मण, आरण्यक ग्रंथों के महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
संस्कृत की परीक्षाओं में जहां तक साहित्य की बात है वह वेदों के बगैर अधूरी है। वेदों के अलावा ब्राह्मण, आरण्यक टॉपिक से भी अनेक सवाल इन परीक्षाओं में आते हैं। आप चाहे NET, SET, 1st Grate, 2ng Grade, 3rd Grade, PGT, TGT, IAS, UPLT या कोई भी ऐसी परीक्षा देने जा रहे हों जहां संस्कृत हो वहां आपको इस तरह के सवाल मिल जाएंगे।यहां हम आपके लिए PDF में संस्कृत के वेदों, ब्राह्मण ग्रंथों औा आरण्यकों संबंधित अनेक प्रश्न बनाकर लाए हैं। ये प्रश्न अभी तक कई परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं और आगे भी इस तरह के प्रश्न आने की पूरी संभावना है। संस्कृत का वीड़ियो आपको हमारे Sanskrit literature | rigveda sanhita | ऋग्वेद संहिता | sanskrit sahitya ka itihas | पर मिल जाएंगे। इस चैनल पर हमने संपूर्ण संस्कृत ग्रामर और साहित्य के वीड़ियो बनाकर डाले हुए हैं। करीब 250 से भी अधिक वीड़यो का कलेक्शन उम्मीद है आपको परीक्षा की तैयारी में मदद करेगा।
मैं एक बात और कहना चाहता हूं मेरे उन भाई बहिनों से जो कि संस्कृत सीखना चाहते हैं या फिर अभी स्कूल और कॉलेज लेवल पर संस्कृत विषय लेकर पढ़ाई कर रहे हैं। दोस्तों स्टेट चाहे कोई सा भी हो। राजस्थान हो, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली, बिहार, हरियाणा या कोई भी प्रदेश। संस्कृत ग्रामर और साहित्य सभी में आता है। इसलिए आप सभी के लिए मेरे वीड़ियो और इस वेबसाइट पर डाले गए नोट्स समान रूप से उपयोगी हैं।
उम्मीद है आपको मेरी इस मेहनत से काफी लाभ मिलेगा। अगर आपको ये वीड़ियो पसंद आते हैं तो कमेंट जरूर करें। Like , share or Follow जरूर करें। आप जितने कमेंट करेंगे, Follow करेंगें, जितना अधिक सवाल पूछेंगे मेरे लिए उतना ही अच्छा होगा और प्रोत्साहन मिलता रहेगा।
सभी वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद सम्बंधित सभी प्रशन और उत्तर आप को यहाँ मिल जायेंगे |
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ऋग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
अथर्ववेद
संस्कृत वेद, ब्राह्मण ग्रंथ, आरण्यक ग्रंथ संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर PDF में यहां से डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें ।
- साम
2 सामवेद के मंत्रों का संकलन है ।
- उद्गाता के लिए
3 औदगात्र वेद किसे कहते हैं ।
- सामवेद को
4 सामवेद से ऋग्वेद के किन मंडलों से ऋचाएं ली गई हैं ।
अष्टम और नवम मंडल से
5 सामवेद की उपलब्ध शाखाएं कौन सी हैं व उनका विस्तार कहां कहां है ।
कौथुमीय, राणायनीय और जैमीनीय शाखांए हैं। इनका विस्तार क्रमश: गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में है।
6 कौथुमीय शाखा का विभाजन बताइये ।
अध्याय-खंड-मंत्र ।
7 राणायनीय शाखा का विभाजन बताइये ।
प्रपाठक, अद्र्धप्रपाठक और दशति ।
8 सामवेद का विभाजन मंत्रों सहित बताइये।
पूर्वार्चिक-650 मंत्र और उत्तरार्चिक 1225 मंत्र।
9 सामवेद में कुल कितने मंत्र हैं।
कुल 1875
10 पूर्वार्चिक के कांडों की संख्या नाम सहित बताइये ।
कांड कुल 4 हैं। इनके नाम इस प्रकार हैं:- आग्नेय, ऐन्द्र, पावमान और आरण्यक ।
नोट:- (पूर्वार्चिक को 6 अध्यायों में भी वर्गीकृत किया गया है।)
11 उत्तरार्चिक में प्रपाठक / अध्यायों की संख्या कितनी है।
-21 अध्याय और 9 प्रपाठक
12 सामवेद में ऋचाओं की संख्या कितनी है ।
-कुल 1771 (ऋग्वेद से ली गई हैं)
13 सामवेद में स्वयं के मंत्र कितने हैं ।
कुल 104
14 सामवेद में ऋग्वेद से 1771 ऋचाएं ली गई हैं। इनमें से पुनरुक्त कितनी हैं ।
-267
15 सामवेद मुख्यत: संबंधित है ।
उपासना से
16 सोमप्रधान वेद कौनसा है ।
सामवेद
17 स्वर कितने हैं सभी के नाम बताइये ।
स्वर 7 हैं। इनके नाम हैं:- षडज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद ।
18 ग्राम कितने हैं नाम बताइये ।
ग्राम 3 हैं। इनके नाम हैं:-मन्द, मध्य और तीव्र
19 मूच्र्छनाएं कितनी हैं ।
कुल 21 हैं। ( 3 ग्राम गुणा 7 स्वर) ।
20 तान कितनी हैं ।
-49 (7 स्वर गुणा 7 स्वर )
21 सामवेद के अंक कितने हैं सभी अंकों के नाम बताइये ।
-सामवेद के 7 अंक हैं। इनके नाम हैं क्रमश: मध्यम, गान्धार, ऋषभ, षडज, निषाद, धैवत और पंचम (म,ग,रे,स,नि,ध,प)
22 गान कितने हैं सभी के नाम बताइये ।
गान 4 हैं। नाम इस प्रकार हैं:-
1 ग्राम गान:- गांव और सार्वजनिक स्थानों पर गाया जाता था।
2 आरण्य गान:- वन और पवित्र स्थानों पर गाया जाता था।
3 ऊह गान:- सोमयाग और विशिष्ट धार्मिक स्थानों पर गाया जाता था।
4 ऊह्य गान:- इसे रहस्य गान भी कहते हैं। वन और पवित्र स्थानों पर गाया जाता था।
23 जैमिनीय शाखा के अनुसार कुल गान कितने हैं ।
-3681 हैं।
24 राणायनीय शाखा व कौथुमीय शाखा में गानों की संख्या कितनी है ।
-2723 है।
25 सामविकार कितने हैं सभी का नाम और संक्षिप्त विस्तार बताइये ।
सामविकार 6 हैं। नाम व विस्तार इस प्रकार है:-
1 विकार:- शब्द में आवश्यकतानुसार परिवर्तन करना ।
2 विश्लेषण:- शब्द या पद को तोडऩा ।
3 विकर्षण-स्वर को देर तक खींचना ।
4 अभ्यास:- किसी पद को बार बार बोलना ।
5 विराम :- गान की सुविधा के लिए शब्द को बीच में तोडक़र रुक जाना ।
6 स्तोभ :- आलाप के योग्य पदों को ऊपर से जोडऩा ।
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