Niraj's death in accidental fights, 15 more people are included
अकस्मात झगड़े में हुई नीरज की मौत, 15 और लोग हैं शामिल
पुलिस पूछताछ में आया सामने, तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा
भिवाड़ी। भिवाड़ी गांव के नीरज जाटव की मौत अकस्मात हुए झगड़े में हुई थी। इस झगड़े में 15 और लोग शामिल थे। नीरज की हत्या के तीनों आरोपियों से पूछताछ में यह तथ्य पुलिस के सामने आए हैं। रिमांड के बाद तीनों आरोपियों को सोमवार को फिर से न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेसी भेज दिया गया।
मामले की जांच कर रहे एसएसटी सेल के पुलिस उपाधीक्षक नरेन्द्र मीणा ने बताया कि तीनों आरोपियों विक्की, सतपाल और गोलू से रिमांड अवधि के दौरान की गई पूछताछ में सामने आया है कि धुलंडी के दिन झगड़ा आकस्मात हुआ था।
गांव में डीजे बज रहा था और आरोपीगण वहां जाकर खड़े हो गए। दूसरे पक्ष ने इस पर आपत्ती जताई। इसी बात को लेकर झगड़ा हो गया, जिसमें नीरज के गुप्तांग पर चोट की वजह से उसकी मौत हो गई। इसके अलावा आरोपियों ने बताया है कि झगड़े में उनके अलावा 15 और लोग शामिल थे। जिनके नाम पते पुलिस ने पूछताछ के दौरान उगलवा लिए हैं। जल्द ही उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अलवर जिले के भिवाड़ी कस्बे के भिवाड़ी थाना इलाके में धुलंडी पर दिनदहाड़े डीजे बजाने को लेकर हुए मामूली विवाद के कुछ ही देर बाद एक युवक नीरज जाटव की लाठियों और डंडों से पीट पीट कर सरेआम हत्या कर दी गई। दिन दहाड़े हुई इस हत्या से त्योहार पर पुलिस की मुस्तैदी की पोल खुल गई और भिवाड़ी के लोगों में भय का माहौल बन गया।
हत्या के बाद लोगों ने शव को समतल चौक पर रखकर जाम लगा दिया और पुलिस वाहनों तथा अस्पताल में तोडफ़ोड़ की। बाद में काफी मुश्किल से पुलिस फोर्स ने मौके से लोगों को तितर बितर किया। अगले दिन शनिवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। इस सबंध में मृतक के पिता बाबूलाल जाटव ने ने भिवाड़ी थाने में हत्या का नामजद मामला दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया था, जिसमें दो नाबालिग हैं। पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ती को नुकसान पहुंचाने पर जाटव समाज के तीस लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
इसके बाद 4 मार्च को भिवाड़ी गांव में ही निहालसिंह की अध्यक्षता में 18 गांवों के दलितों की महापंचायत हुई। जिसमें समाज के पंच पटेलों ने उक्त निर्णय किए थे।
१ नीरज जाटव की हत्या की एक स्वर में निंदा की गई।
२ सरकार, पुलिस और प्रशासन से पीडि़त परिवार को न्याय की मांग की गई।
३ समाज के जिन 30 जनों के खिलाफ तोडफ़ोड़ के मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें वापिस लिया जाए।
४ सरकार पीडि़त परिवार की आर्थिक सहायता करे।
५ इस तरह की घटना की पुनरावृति न हो इसका प्रबंध पुलिस प्रशासन की ओर से किया जाए।
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