Neeraj Murder Case Bhiwadi, Jatav society women are demanding blood instead of blood
खून के बदले खून मांग रही हैं जाटव समाज की महिलाएं
भिवाड़ी। भिवाड़ी गांव में नीरज जाटव की हत्या से पूरा जाटव समाज आक्रोशित है। समाज के लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्ष से गांव में जाति विशेष के लोग जाटव समाज पर अत्याचार करते आ रहे हैं। एक के बाद एक चार मामले हो चुके हैं जबकि उस समाज के लोगों ने जाटव समाज के लोगों के साथ मारपीट की। ऐसे मामले दर्ज भी हैं और अब सरेआम जाटव समाज के युवक की हत्या कर दी गई। जाटव समाज आर्थिक रूप से कमजोर है। ऐसे में उसे न तो सरकार से न्याय मिल रहा है और न व्यवस्था से। नीरज की मां ने खून के बदले खून की बात कहते हुए आरोपियों को फांसी की सजा की मांग सरकार से की है तो उसकी बहन ने कहा कि उसका भाई भी नाबालिग था। उसे इंसाफ चाहिए।
रविवार को भिवाड़ी गांव में एक तरफ जहां महापंचायत हो रही थी वहीं नीरज के घर में शोकमग्न महिलाएं बैठी थी, लेकिन आक्रोश की चिंगारी सभी महिलाओं की आंखों में नजर आई। जैसे ही भास्कर रिपोर्टर अंदर गया तो सभी ने एक स्वर में कहा कि यह आए दिन का किस्सा है। उन्होंने बताया कि किस तरह जाति विशेष के लोग समाज की आती जाती महिलाओं पर फब्तियां कसते हैं। विरोध करने पर मारपीट करते हैं। गरीबी के कारण थाना तहसील करना आसान नहीं है। ऐसे में दबे कुचले जिल्लत की जिंदगी जी रहे हैं। हमें न्याय चाहिए।
मृतक नीरज की मां सुनीता का कहना है कि मेरे बेटे की बीच गांव में हत्या की गई है। उसका कोई दोष भी नहीं था। वह पढऩा चाहता था। कुछ बनना चाहता था। उसी से सभी को बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन बदमाशों ने उसकी हत्या कर पूरे परिवार को अंधेरे में धकेल दिया। आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। इससे कम बर्दाश्त नहीं।
नीरज की बहन काजल का कहना है कि पुलिस दो आरोपियों को नाबालिग बता रही है। मेरा भाई भी नाबालिग था। उसने किसी का क्या बिगाड़ा था जो उसकी हत्या कर दी गई। अगर हत्या के आरोपियों के नाबालिग होने पर उन्हें कड़ी सजा नहीं दिए जाने का कोई प्रावधान हो सकता है तो नाबालिग की हत्या नाबालिग द्वारा करने पर सजा का प्रावधान कड़ा किया जाना चाहिए। आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए।
यह पहला मामला नहीं है
समाज के कुछ लोगों से बात की गई तो पता चला कि जाति विशेष के लोगों द्वारा जाटव समाज के लोगों के साथ मारपीट का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी तीन मामले मारपीट के हो चुके हैं और चौथा यह हत्या का है। सभी मामलों में मारपीट करने वाले जाति विशेष के लोग ही हैं। गांव में भय का माहौल बना हुआ है और जीना मुश्किल होता जा रहा है। वे लोग हमारे घरों तक घुसकर मारपीट करते हैं। एक पीढ़ी गुजर गई गांव में तनाव कम नहीं हो पा रहा।
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