Five days later, the police could not even decide that Ajay had committed suicide or was murdered.
पांच दिन बाद भी पुलिस तय नहीं कर पाई कि अजय ने आत्महत्या की या उसकी हत्या की गई
नौ दिन में एक मर्डर, दो शव मिले, एक महिला का कटा हुआ पैर मिला
एक को छोडक़र सभी मामलों में पुलिस जांच संदेह के घेरे में
भिवाड़ी। होली के बाद भिवाड़ी में एक के बाद एक आपराधिक वारदातों में तेजी आई है। मार्च महीने में अभी नौ ही दिन हुए हैं। इन नौ दिनों में सरेआम एक दलित युवक की हत्या, दूसरे दलित और एक अधेड़ का शव तथा एक महिला का कटा हुआ पैर मिलना यह बताने के लिए पर्याप्त है कि भिवाड़ी पुलिस अपराधों पर लगाम कसने लायक नहीं रह गई है। इतना ही नहीं पुलिस मीडिया से भी बात करने में कतरा रही है और तथ्यों को छिपाने पर अधिक जोर दे रही है।चार में से तीन मामलों में खाली हाथ पुलिस
नीरज की हत्या के अगले दिन ही तीन मार्च को भिवाड़ी थाना इलाके में घटाल के पास एक वृद्ध का शव मिला था। पुलिस यह पता नहीं लगा पाई कि यह शव किसका है और इसकी मौत कैसे हुई।दूसरा मामला अजय जाटव का है। अजय का जला हुआ शव पांच मार्च को भिवाड़ी गांव में उसके घर से सौ मीटर दूरी पर ही पड़ा मिला था। इस मामले की जांच किशनगढ़बास सीओ गिरधारी सिंह कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस जांच इतनी ढीली है कि अभी तक पता नहीं चल पाया कि अजय की मौत कैसे हुई या मौत के कारण क्या रहे।
आठ मार्च को श्री समेंट कंपनी में महिला का कटा हुआ पैर मिला। पुलिस ने डॉग स्क्वायड बुलाई, लेकिन यहां भी नतीजा सिफर रहा। पुलिस पता नहीं लगा पाई कि यह अंग कहां से आया, कौन इसे लाया।
अभी कोई गिरफ्तारी नहीं
मैं अभी अलवर हूं। अजय केस में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। अभी यह भी नहीं कहा जा सकता कि उसकी मौत कैसे हुई।-गिरधारी सिंह, सीओ, किशनगढ़बास
अजय केस की जांच सीओ किशनगढ़बास को सौंप दी गई है। इस बारे में वे ही बता पाएंगे। महिला का कटा हुआ पैर मिलने के मामले में अभी कोई प्रगति नहीं है। पुलिस इस मामले में पता लगाने का प्रयास कर रही है।
-पुष्पेन्द्र सोलंकी, एएसपी, भिवाड़ी
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