Dangerous asthma, early signs appearing in young Migrants in bhiwadi : खतरनाक हो रहा अस्थमा, युवा माइग्रेट्स में दिख रहे प्रारंभिक लक्षण - NEWS SAPATA

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Saturday, January 6, 2018

Dangerous asthma, early signs appearing in young Migrants in bhiwadi : खतरनाक हो रहा अस्थमा, युवा माइग्रेट्स में दिख रहे प्रारंभिक लक्षण

Dangerous asthma, early signs appearing in young Migrants in bhiwadi
खतरनाक हो रहा अस्थमा, युवा माइग्रेट्स में दिख रहे प्रारंभिक लक्षण


भिवाड़ी। उद्योग नगरी भिवाड़ी का विकास तो खूब हुआ, लेकिन कहावत है कि विकास की कीमत चुकानी पड़ती है। यही हाल भिवाड़ी के साथ हुआ। खेती की जमीनें तो उद्योगों और मॉल्स बनाने में चली गई, लेकिन अब स्वास्थ्य भी साथ छोडऩे लगा है। भिवाड़ी में मौजूदा चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दस वर्षों में यहां रह रहे लोगों में अस्थमा की समस्या बढ़ जाएगी। विशेषज्ञों का यह विश्लेषण मौजूदा हालातों को देखते हुए सामने आया है।
स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि अभी तक भिवाड़ी के स्थानीय लोगों में अस्थमा की समस्या अधिक है। प्रारंभिक तौर पर इसके तीन कारण प्रमुख रूप से सामने आए हैं। इनमें पहला करण ग्रामीणों द्वारा बीड़ी, हुकके आदि का सेवन करना है। दूसरा कारण खनन और सोइल प्रदूषण तथा तीसरा बड़ा कारण औद्योगिकीकरण के कारण फैला प्रदूषण है। डॉ. हिमांशु गुप्ता के अनुसार इस तरह की बीमारियां डवलप होने में पंद्रह से बीस वर्ष का समय लेती हैं। लगातार प्रदूषण के बीच रहने से सांस की नली हाईपर सेंसेटिव हो जाती है और सांस लेने में परेशानी होती है। दूसरा असर फेफड़ों पर होता है। जिसे स्थानीय भाषा में फेफड़ों का सिकुडऩा कहते हैं। दोनों ही स्थितियां मरीजों के लिए हानिकारक होती हैं। भिवाड़ी के स्थानीय लोग यहां औद्योगिकीकरण की शुरूआत से ही रह रहे हैं। ऐसे में वे पहले इसकी चपेट में आए। इसके बाद बाहर से लोगों का यहां माइग्रेट होना शुरू हुआ। आईएमए, भिवाड़ी के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र सिंह के अनुसार अब हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। कयोंकि बाहर से आए लोगों में भी अस्थमा के प्रारंभिक लक्षण दिखने लगे हैं। आम आदमी इसे कमजोरी समझता है या छोटी मोटी बीमारी। ऐसे में लापरवाही बीमारी को उनमें स्थायी कर सकती है। इस बीमारी के संपूर्ण लक्षण विकसित होने में पंद्रह से बीस वर्ष लगते हैं। इसलिए प्रारंभिक स्टेज पर ही संपूर्ण उपचार लेना जरूरी है।

अस्थमा के प्रारंभिक लक्षण

डॉ. हिमांशु गुप्ता के अनुसार अस्थमा के प्रारंभिक लक्षणों में थकान आना, चलने में दिककत आना तथा बार बार खांसी होना आदि शामिल हैं। तीनों ही लक्षण ऐसे हैं जिन्हें आम आदमी समझ नहीं पाता कि ये अस्थमा के भी हो सकते हैं। लेकिन समय गुजरने के बाद यह लक्षण स्थायी तौर पर अस्थमा के रूप में सामने आते हैं और मरीज को लंबे समय तक लगातार उपचार लेना पड़ता है।

सर्दी में अधिक समस्या

अस्थमा के मरीजों को सर्दियों में अधिक समस्या होती है। भिवाड़ी में इन दिनों लगातार दो दिन से घना कोहरा पड़ रहा है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है। यहां ईएसआईसी अस्पताल में फिलहाल करीब दो सौ से अधिक मरीज ऐसे हैं जो नियमित रूप से अस्थमा की दवा का सेवन कर रहे हैं। इन लोगों को ऐसे मौसम में अधिक समस्या का सामना करना पड़ता है। अस्थमा के मरीजों को सर्दियों के ये दिन निकालना काफी मुश्किल होता है।

बचने के लिए कया करें

डॉ राकेश सोनी के अनुसार अस्थमा नहीं हो इसके लिए सबसे जरूरी है प्रदूषण से दूर रहें। धूम्रपान नहीं करें और सुबह या शाम एक समय व्यायाम जरूर करें। योग भी अस्थमा से बचे रहने का अच्छा उपाय है। तेज सर्दी में बच कर रहें और हो सके तो घर से बाहर नहीं निकलें। अगर दवा ले रहे हैं तो इसे जारी रखें। चिकित्सक की सलाह के बिना कोई दवा नहीं लें।

प्रदूषण मुकत इकाइयां लगाएं

भिवाड़ी में अस्थमा की समस्या प्रदूषण के कारण है। लोगों को उपचार दिया जाता है। लेकिन जितना हो सके प्रदूषण से बचकर रहें। सीएचसी में भी सांस के काफी मरीज दवा लेने आते हैं। उन्हें दवा के साथ सलाह भी दी जाती है कि धूम्रपान नहीं करें और अधिक सर्दी से बचकर रहें। इसके अलावा भिवाड़ी में प्रदूषण मुकत इकाइयों की स्थापना पर जोर दिया जाना चाहिए साथ ही ग्रीनरी भी बढ़ानी चाहिए, ताकि प्रदूषण का असर कम हो सके।

-डॉ राजेन्द्र सिंह, अध्यक्ष, आईएमए, भिवाड़ी


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