Baijnath Panwar katha award to Mehrchand Dhamu
बैजनाथ पंवार कथा पुरस्कार मेहरचंद धामू को
संस्थान के अध्यक्ष दुलाराम सहारण एवं सचिव कमल शर्मा ने बताया कि वर्ष 2018 में चूरू में होने वाले समारोह में धामू को पुरस्कृत किया जाएगा। धामू को पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपए, शाॅल, श्रीफल एवं शाॅल प्रदान कर पुरस्कृत किया जाएगा। चूरू के दिवंगत राजस्थानी साहित्यकार बैजनाथ पंवार की स्मृति में दिए जाने वाला यह पुरस्कार वर्ष 2016 में कथाकार रामस्वरूप किसान व 2017 में नंद भारद्वाज को दिया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि हनुमानगढ़ जिले के परलीका में 19 जून 1952 को जन्मे मेहरचंद धामू राजस्थानी साहित्य में एक बड़ा नाम हैं। आज भी खेती-किसानी से जुड़े धामू की कहानियों में राजस्थानी जन जीवन के जीवंत चित्रण के साथ-साथ पात्रों का मनोवैज्ञानिक चित्रण उन्हें राजस्थानी के अग्रणी कथाकारों में खड़ा करता है। उनके कहानी संग्रह ‘ताळवै चिप्योड़ी जीभ’ और ‘लाल बत्ती-हरी बत्ती’ खासे चर्चित रहे हैं। राजस्थानी की सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाओं का निरंतर प्रकाशन होता रहा है।
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