नोटबंदी पर आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने खोले कई राज
नोटबंदी का कदम सही था या गलत आम लोगों में यह चर्चा का विषय आज भी है। इस पर काफी बहस भी होती है। आम लोग अर्थशास्त्र समझ नहीं पाते लेकिन वे लोग जो अर्थशास्त्र को समझते हैं वे खुद भी नोटबंदी को अच्छा कदम नहीं मान रहे। इसी बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी नोटबंदी को विफल बताया है। आइये जानते हैं उन्होंने नोटबंदी पर क्या कहा।
आर्थिक सफलता नहीं
आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने कहा है कि नोटबंदी असफल रही है। नोटबंदी को किसी भी सूरत में आर्थिक सफलता साबित नहीं कर सकते। यह एक अच्छा प्रयोग कहा जा सकता है लेकिन इसे आर्थिक उपलब्धि किसी भी कीमत पर नहीं कह सकते। इसके क्या परिणाम होंगे यह आने वाला समय ही बताएगा।निजी निवेश हुआ धराशायी
उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी के बाद से भारतीय अर्थव्यव्था को झटका लगा है। यह चिंता का विषय है कि नोटबंदी के बाद से आज तक निजी निवेश ऊपर नहीं उठ पाया। इसके बाद सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए रीयल एस्टेट एक्ट और जीएसटी भी लागू किए लेकिन इसके बाद भी नौकरियां लगातार घटती चली गई। बेरोजगारी बढ़ गई।मीडिया को दिए इंटरव्यू में राजन ने कहा कि है कि नोटबंदी की कीमतें ठोस हैं और इससे जीडीपी एक से दो फीसदी अंकों तक प्रभावित भी हुआ है। यह करीब २.५ लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि लोग घंटों कहीं कहीं तो एक या दो दिन तक नए नोटों के लिए बैंकों की लाइनों में लगे रहे। यदि हम नई करेंसी की छपाई और बैंकों से पैसा निकालने का मूल्य लगाएं तो बहुत प्रभाव पड़ा है।
अच्छी नहीं थी दो हजार का नोट छापने की तैयारी
उल्लेखनीय है कि राजन जब आरबीआई के गवर्नर थे तो उनसे नोटबंदी पर फैसला लेने के बारे में कहा गया। उस समय वे नोटबंदी की कीमतों और लाभ के मुद्दे पर एक अलग पार्टी बन गए थे। इस पर उनका कहना है कि वे नोटबंदी से अलग वे नए नोटों का सैट छापने पर काम कर रहे थे। उनका यह भी कहना है कि नोटबंदी की तारीख तय होने से पहले दो हजार रुपए का नोट छापने की तैयारी अच्छी नहीं थी।
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