एक अनोखा मंदिर जहां सोने पर महिलाओं को मिलता है संतान सुख
दोस्तों भारत सहित दुनिया के अनेक देशों में हजारों लाखों मंदिर हैं। इनमें विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियां विराजमान हैं और इनसे अनेक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। किसी मंदिर में जाने पर बीमारी दूर होने की तो किसी मंदिर में जाने पर इच्छाएं पूरी होने की मान्यताएं प्रचलित हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसके बारे में प्रचलित मान्यता के बारे में जानकार आप चौंके बिना नहीं रह सकेंगे।
कहां है यह मन्दिर
दोस्तों यह मंदिर स्थित है हिमाचल प्रदेश के सिमसा गांव में। गांव में पहाडिय़ां हैं और इन पहाडिय़ों में स्थित है एक गुफा। इसी गुफा में स्थित है सिमसा माता का मंदिर। स्थानीय मान्यता के अनुसार मन्दिर चमत्कारिक है और यहां आने वाली महिला की हर इच्छा पूरी होती है।
क्या है यहां की मान्यता
स्थानीय स्तर पर किवदंती है कि यदि कोई निसंतान महिला मन्दिर में फर्श पर सो जाए तो उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है। मन्दिर की इस मान्यता के चलते दूर दूर से महिलाएं यहां आती हैं। लोगों का इस मंदिर पर अटूट विश्वास है। इस मंदिर को अब संतान देने वाली माता का मंदिर भी कहते हैं।
स्वपन में होता है सब कुछ
सिमसा माता के इस मंदिर में प्रत्येक नवरात्र में सलिन्दरा उत्सव मनाया जाता है। सलिन्दरा का शाब्दिक अर्थ है सपने आना। मान्यता है कि इस मंदिर में संतान प्राप्ति के लिए महिला को एक दिन या रात के लिए फर्श पर सोना पड़ता है। इसके बाद उसे सपने में माता किसी रूप में दर्शन देकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं। अनेक राज्यों से यहां निसंतान महिलाएं प्रति वर्ष इस उत्सव में शामिल होने के लिए आती हैं।
इस तरह लगाते हैं सपनों का अर्थ
मान्यता है कि सपने में सिमसा माता दर्शन देती हैं। इसके अलावा वे महिलाओं को फल आदि प्रदान करती हैं। जब महिला को सपने में अमरूद मिलता है तो पुत्र प्राप्ति का अर्थ लगाया जाता है। जब भिन्डी मिलती है तो पुत्री प्राप्ति का अर्थ लगाया जाता है। जब पत्थर धातु या लकड़ी की काई वस्तु सपने में महिला को मिलती है तो मान्यता है कि वह महिला संतान प्राप्त नहीं कर सकती और इन महिलाओं का मन्दिर में फिर से जाना निषेध कर दिया जाता है।
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