प्रदेश के ७१ हजार बीएड प्रशिक्षणार्थियों पर आया संकट
पांच की जगह 25 किलोमीटर भेज रहे इंटर्नशिप के लिए
प्रदेशभर में बीएड प्रशिक्षणार्थी हो रहे परेशान
अलवर। प्रदेशभर में इस बार बीएड कर रहे प्रशिणार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कारण उन्हें इस बार इंटर्नशिप के लिए तय दूरी से अधिक दूरी पर भेजा जा रहा है। दूसरी पीड़ा यह है कि वहां तक का किराया इन्हें जेब से ही देना होगा। बीएड की फीस देने के बाद कोर्स करने का खर्च और इस बार इसमें इंटर्नशिप के लिए स्कूल आने जाने तक का किराया और जुड़ गया है। जबकि नौकरी मिलना कठिन होता जा रहा है। ऐसे में हो सकता है अगले सेशन में काफी संख्या में बीएड़ कॉलेजों को बंद करने की नौबत आ जाए।क्योंकि कि इस बार भी 91 हजार में से बीस हजार से अधिक सीटें खाली रह गई थी। साफ जाहिर है कि इंजीनियरिंग ओर एमबीए की तरह ही आगामी समय में बीएड कॉलेजों पर भी तालाबंदी हो सकती है।
फिलहाल क्या है परेशानी
कोर्ट के ऑर्डर हैं कि बीएड कर रहे प्रशिक्षणार्थियों को पांच किलोमीटर के दायरे में स्थितल स्कूलों में ही इंटर्नशिप के लिए भेजा जाए। जबकि शिक्षा विभाग इन्हें 25 किलोमीटर दूर तक भेज रहा है। ऐसे में हजारों की संख्या में प्रशिक्षणार्थी शिक्षा विभाग कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं और स्कूल बदलवाना चाह रहे हैं।
क्यों है दिक्कत
बीएड पहले एक वर्ष की थी जिसे दो वर्ष का कर दिया। वैकेंसी आ नहीं रही या कोर्ट मेें अटक रही है। यानि सरकार की मंशा अटकाए रखने की अधिक है। दो वर्ष की बीएड करने के बाद फीस भी दो गुनी हो गई है। अब ऊपर से इंटर्नशिप का बोझ। क्योंकि प्रशिक्षणार्थियों को स्कूल आने जाने तक का खर्च खुद उठाना होगा। ऐसे में एक एक स्टूडेंट हजारों रुपए के नीचे आ जाएगा।
हो सकते हैं बीएड कॉलेज बंद
गत सेशन से बीएड को दो वर्ष का किया गया है। केवल इस एक कदम से ही इस बार बीस हजार सीटें रिक्त रह गई। यदि इंटर्नशिप का डंडा इस तरह चला तो अगले साल तक लोगों का मोह बीएड से भंग हो जाएगा। यही हाल इंजीनियरिंग का हुआ ओर एमबीए कॉलेजों का भी यही हाल हुआ था। सैकड़ों इंजीनियरिंग और एमबीए कॉलेजों पर ताले लट गए। अगले सेशन में हो सकता है कि काफी संख्या में बीएड कॉलेजों पर ताले लटकते नजर आएं।
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