रक्षाबंधन के दिन सरहद पर शम्मा खान ने जलाई प्रेम की ज्योत
देश भर में सोमवार को भाई बहन का पावन पर्व रक्षाबन्धन हर्षोल्लास से मनाया गया। लेकिन भारत पाकिस्तान की पश्चिमी सरहद पर नजारा कुछ अलग रंग बया कर रहा था। मजहब के नाम पर बाँटने वालों को करारा जवाब देता एक कारवाँ युवा नेत्री पूर्व चोहटन प्रधान शम्मा खान के नेतृत्व में यहाँ पहुँचा और कारवें में शामिल मुस्लिम बहनों ने जवानों को राखियां बाँधी। अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर सरहद पर तैनात जवानों के लिए शम्मा खान की यह मुहीम खुशी के आंसू लाने वाली रही।
करीब छह साल पहले अकेले शुरू हुई शम्मा खान की इस मुहीम में इस बार कई मुस्लिम युवतियां और युवा भी शामिल हुए। शम्मा खान बताती हैं कि भाईचारे और प्रेम से सभी पीछे हैं और आप दूसरे धर्म की रवायदों का आदर करते हैं तो समाज का हर तबका आपको अपना मानेगा। हर राखी पर सरहद आने के अभियान को आगे भी जारी रखने के सवाल पर शम्मा खान ने कहा कि यह कारवाँ ता उम्र चलेगा। जवान भी प्रति वर्ष रक्षाबंधन पर शम्मा खान का इंतजार करते हैं। शम्मा खान के साथ उनके पति औउ पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर अहमद भी साथ सरहद पर आए।
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