भाजपा की नई ड्रेगन नीति
दोस्तों आप सभी को पता है कि अंग्रेजों ने गुलाम भारत में रियासतों को हड़पने के लिए हड़प नीति बनाई थी। इसके तहत अंग्रेज उन रियासतों को हड़प लेते थे जिन राजाओं के वारिस नहीं होते थे। आज भी वही स्थिति नजर आ रही है। भाजपा इसी राह पर निकल पड़ी है। कांग्रेस मुक्त भारत का सपना इतना महत्वकांक्षी हो चुका है कि जिसका विरोध अभी तक भाजपा करती आई है आज वह खुद उसी राह पर है। इसे भाजपा की ड्रेगन नीति भी कह सकते हैं। यानि कि वह सब कुछ हड़पना चाह रही है। इसके लिए सीबीआई सतर्कता दल और ईडी भाजपा के अचूक हथियार साबित हो रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्वहीन नजर आ रही है। उसका शीर्षस्थ नेतृत्व इतना कमजोर लग रहा है कि वह आह तक नहीं भर पा रहा है।
बिहार में सत्ता परिवर्तन
बिहार में भाजपा गठबंधन की सरकार गिरा चुकी है। राज्य में मुख्यमंत्री अभी भी हालांकि नीतिश ही हैं लेकिन अब उनके रथ पर भगवा ध्वज लहरा रहा है और सारथी की भूमिका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निभा रहे हैं। रथ पर ध्वज पकड़कर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित भाई शाह बैठे हैं। यहां भाजपा ने अघोषित संपत्ति के नाम पर लालू एंड फैमिली को सत्ता से बाहर किया जो कि गठबंधन का एक हिस्सा थी। अब भाजपा उस गठबंधन का हिस्सा है। यहां भी प्रवर्तन निदेशालय सीबीआई आयकर विभाग की टीमों को हथियार के रूप में काम में लिया गया।
अब कर्नाटक के बैंगलुरू में छापा
कर्नाटक ऊर्जामंत्री डी के शिवकुमार के ६४ ठिकानों पर अब वही अघोषित संपत्ती के नाम पर छापे मारे गए हैं। यह नेक काम करवाया गया है आयकर विभाग से। उनके बैंगलुरू स्थित जिस रिसोर्ट पर छापा मारा गया वहां गुजरात के कांग्रेस के ४२ विधायक मेहमाननवाजी का लुत्फ उठा रहे थे। इस रिसोर्ट का नाम है इलिंगटन रिसोर्ट। यहां दस करोड़ रुपए बरामद होने की बात कही जा रही है। कांगेस का कहना है कि अहमद पटेल को राज्यसभा चुनाव हराने के लिए यह छापे मारे गए हैं। कांग्रेस गलत नहीं है। बिहार का अनुभव कांग्रेस के सामने है। इससे पहले भी भाजपा ऐसा कर चुकी है।
सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग
यह सीधा सीधा सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग ही है। भारतीय संविधान में इस पर स्पष्ट निषेध किया हुआ है लेकिन मशीनरी खुद उपयोग होती है। सभी सरकारें ऐसा करती आई हैं। भाजपा भी ऐसा ही कर रही है। सो किसी को गलत नजर नहीं आ रहा। लेकिन बात यह है कि बेनामी संपत्ती केवल कांगेसियों के पास ही है क्या। भाजपा या अन्य दलों के पास नहीं।
कांगेस का डर अभी भी है कायम
या फिर भाजपा को अभी भी डर है कि कांग्रेस उससे सत्ता छीन लेगी। तभी वह इस तरह की मानसिकता के साथ काम कर रही है। लोक सभा की तरह भाजपा राज्यसभा को भी विपक्ष विहीन करना चाहती है। उसका यह कदम निरंकुश राज की ओर अग्रसर है। ऐसे में जनता को ही कठोरता से ऐसे राज का दमन करना होगा। इसके लिए हमें अगले चुनाव का इंतजार करना होगा।
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