सेना नहीं करती मदद तो देखिये क्या होता इनका हाल
पश्चिम राजस्थान में दस दिन से जारी बारिश ने कहर बरपा दिया है। बाढ़ में फंसे लोगों के लिए सेना वरदान बनकर साबित हो रही। पाली, जालोर, सिरोही और बाड़मेर जिलों में सेना की ओर से चलाए जा रहे अभियान में एक सप्ताह के दौरान ८५० से अधिक लोगों को बाढ़ क्षेत्रों से निकाल कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा चुका है।
पाली, जालोर व सिरोही में हुई जोरदार बारिश के कारण कई स्थान पर बाढ़ आ रही है। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थान पर लोग पानी के बीच फंस गए। इन क्षेत्रों तक सीमित संसाधनों के साथ नागरिक प्रशासन के लिए पहुंचना मुश्किल हो गया। प्रशासन ने जब हाथ खड़े कर दिए तो सेना ने मोर्चा संभाला और सेना की तीन टुकडिय़ों को जोधपुर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया।
सेना ने प्रवक्ता कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि एक सप्ताह से जारी अभियान में सेना के जवानों ने विभिन्न क्षेत्रों में पानी के बीच फंसे ८५० से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया है। सेना ने सबसे बड़ा अभियान जालोर जिले के भैंसवाड़ा में डॉ. बीआर अम्बेडकर छात्रावास में फंसी स्कूली छात्राओं व शिक्षकों को सुरक्षित निकालने का चलाया है। इस अभियान में करीब ५५० लड़कियों और शिक्षकों को बचाया गया। सांचौर क्षेत्र में सेना ने एक ढाणी में फंसी दो गर्भवती महिलाओं को बाढ़ के पानी से बाहर निकाला।
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