यह है सावन में शिव पूजा और व्रत की सही विधि
दोस्तों यह सावन का महिना चल रहा है। इस माह में कहा जाता है कि यदि भगवान शिव को प्रसन्न किया जाए तो वे सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। दूसरी बात यह है कि शिव बड़ी जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माने गए हैं। केवल भक्ति भाव से उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। तो आइये जानते हैं किस तरह शिव को रिझाएं और कैसे अपने काम बनाएं।
क्या है व्रत का सही अर्थ
प्राचीन काल में लोग भक्तिभाव से ओतप्रोत रहते थे। वे भक्ति में इतनी सुध खो बैठते थे कि खाना पीना तक भूल जाते थे। इस प्रकार उनका व्रत हो जाया करता था। वे भगवान को रिझाने के लिए व्रत नहीं भक्ति किया करते थे जो बाद में स्वयं ही व्रत में बदल जाता था। तो व्रत का सही अर्थ यह है कि आप पूरी भावना से भक्ति करें। भूखे रहने से भगवान प्रसन्न नहीं होते। क्योंकि जब उनका भक्त ही कष्ट में होगा भगवान कैसे प्रसन्न हो सकते हैं। आजकल जो उपवास किया जाता है वह दिखावा है क्योंकि पूरे दिन हम लोग व्रत में भी सांसारिक कामों में लगे रहते हैं। इसमें भक्ति कहीं नहीं होती।
कैसे करें शिव पूजा
शिव की पूजा पूर्ण भक्ति से होती है। शिव अनासक्ति के देवता हैं। उन्हें आसक्ति पसंद नहीं। तो दिखावे के लिए की गई पूजा भी शिव को पसंद नहीं। न आप दूध चढ़ाएं न धतूरा। यदि आप फल फूल और जल भी चढ़ाते हैं तो शिव आसानी से प्रसन्न हो जाएंगे। बस शर्त यह है कि आपकी भावनाएं पवित्र होनी चाहिए और आपकी पूजा में भक्ति का अंश जरूर होना चाहिए। आक धतूरा का फल भी आप शिव को चढ़ा सकते हैं लेकिन यदि यह आसानी से नहीं मिले तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। रात को शिव मंदिर में दिया जलाना नहीं भूलें और इसी समय आप अपने कार्य के लिए प्रार्थना भी करें। आपकी प्रार्थना जरूर सुनी जाएगी।
काले तिल का करें उपाय
यदि आप बेरोजगार हैं और तमाम प्रयासों के बाद भी आपको रोजगार नहीं मिल पा रहा है तो आप प्रत्येक सोमवार को किसी भी समय शिव मंदिर जाएं और काले तिल शिव पिंडी पर चढ़ाएं। लगातार ऐसा प्रत्येक सोमवार करते रहें। इस विधि में समय को महत्व नहीं दिया गया है।
व्रत का परणा करने पर क्या खाएं
अक्सर लोग व्रत का पारणा मिठाई या गरिष्ठ भोजन से करते हैं। यानि जब वे व्रत खोलते हैं तो ये सब चीजें खाते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं करें। इससे व्रत का असर उल्टा होगा। भगवान तो प्रसन्न होंगे या नहीं आपको गैस आदि की समस्या हो सकती है। यह समस्या परमानेंट भी हो सकती है। कम से कम आप अपने व्रत का ऐसा फल तो नहीं चाहते होंगे। सो जब भी व्रत का पारणा करें तो पहले ठंडा पानी कुछ घूंट पिएं। इसके बाद हल्का फुल्का आहार लें। खाने के लिए नहीं जिएं जीने के लिए खाएं। भगवान अपने आप ही प्रसन्न हो जाएंगे।
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