ये सच्ची और आज की कहानी है पार्ट-2
पहले हमले में ही टूटी कमर
आकाशी 40 वर्ष स्वच्छंद रूप से अपनी उड़ान भरता रहा। उसे रोकने वाला कोई नहीं था। लेकिन कुछ लोग थे जो आकाशी की गर्वोक्तियों से खीजते थे। उसे सबक सिखाना चाहते थे ताकि वह इनसान ही बना रहे। ऐसे में आकाशी का सामना अचानक दूसरे राज्य के समझदार राजा से हो गया। वह परदेसी था, आकाशी के राज्य में हमलावर था तथा किसी ऐसे शख्स के बुलावे पर आकाशी के राज्य में घुस आया, जो आकाशी से प्रताडि़त था। इस परदेसी का हमला इतना सटीक, रणनीतिपरक और भयानक था कि पहले ही हमले में इसने आकाशी की कमर तोड़ दी और दिन में तारे दिखा दिए। सत्ता का घमंड चूर-चूर कर दिया। आकाशी जमीन पर आ गिरा। सत्ता सिमटने लगी। आकाशी के सिपहसालारों में खलबली मच गई। यह २०वीं सदी के अंतिम दशक की बात है।
हालांकि आकाशी पहले हमले में चित्त आया, लेकिन आकाशी की सेना अपने काम में बड़ी हुनरमंद और मजबूत थी। सो इस सेना ने एक दशक के भीतर ही आकाशी को फिर से सत्तासीन कर दिखाया। लेकिन यह संभव हुआ केवल आकाशी की जाबांज सेना के ही कारण। इसका कोई और कारण नहीं था।
यह वह समय था जब आकाशी की उम्र का दौर ढलान की ओर था तथा उसकी तीसरी पढ़ी सत्ता का सपना संजोने लगी थी। धीरे-धीरे आकाशी तीसरी पीढ़ी को सौंपते हुए आध्यात्म की शरण में चला गया, लेकिन उसका मोह बरकरार था।
आगे की किश्त में पढिय़े रिवर्र्स अटैक...
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