क्या आप बिना अपराध सजा भुगतने के लिए तैयार हैं
Are you ready to suffer punishment without crime
Disadvantages of Apple Vision Pro
Disadvantages of Artificial Intelligence
Disadvantages of AR technology
Apple Vision Pro Setup Tutorial
एपल वीजन प्रो के नुकसान
आर्टीफिशीयल इंटेलीजेंस के नुकसान
एआर तकनीक के नुकसान
एपल वीजन प्रो सेटअप ट्यूअर
हाल ही एपल की न्यू लांचिंग एपल वीजन प्रो का सेटअप ट्यूअर देखिये। पिछले आर्टीकल में मैं आपको बता चुका हूं कि यह एक आर्टीफिशीयल इंटेलीजेंस बेस अग्मंटेशन रियलिटी इंस्ट्रूमेंट है, जो आपके अहसास और देखने के नजरिये को बदलता है। बहुत संभावना है कि यह आपके दिमाग पर असर डाले और आपका सोचने का नजरिया भी बदल दे।
इस आलेख में केवल सेटअप ट्यूअर की बात करेंगे। यह मैने एक यू-ट्यूब वीडियो में देखा था जिसमें यू-ट्यूबर एपल वीजन प्रो की अनबाॅक्सिंग करता है। एपल वीजन प्रो को हैड बैंड की सहायता से आंखों पर पहनने के बाद यह काम करना शुरू करता है, लेकिन इससे पहले यह अपने मालिक या आप जिसे यूजर कहते हैं, की पहचान करता है।
यूजर की पहचान के लिए एपल वीजन प्रो यूजर की आंखों की पुतलियां, ललाट, चेहरे के दोनों तरफ से साइड फेस की रीडिंग, आपकी हंसी, आपके दांत, आपकी हथेलियों की आगे-पीछे दोनों तरफ से तथा और भी बहुत कुछ आंगिक पहचान के बाद ही आॅन होता है। यानि काम करना शुरू करता है।
यह सब पहचान एक बार ही ली जाती है।
इसका अर्थ यह लगाया जा रहा है कि यह एक सिक्योरिटी सिस्टम है जो कि अपने यूजर की पहचान के बाद ही खुलता है। इसका अर्थ यह हुआ कि यदि आपके पास एपल वीजन प्रो है और आप उसे सेट कर चुके हैं तो दूसरा उसका उपयोग नहीं कर सकता, क्योंकि यह सब एक लाॅकिंग-अनलाॅकिंग सिस्टम की ही कार्यप्रणाली है।
यहां आपसे सवाल पूछता हूं कि क्या यह सिस्टम वाकई आपकी पहचान को गुप्त रख रहा है ? यदि आपका जवाब हां में है तो आप यही से यह आर्टीकल पढना छोड सकते हैं। लेकिन मेरे हिसाब से यह बहुत खतरनाक है।
हम अपनी हर पर्सनल चीज खोते जा रहे हैं। हमारे निजी जीवन में अवांछित लोगों को झांकने का न्यौता दे रहे हैं। बाद में यह सब हमारे अकाउंट को असानी से बिना बताए खाली करने में मददगार भी हो सकता है। हम एपल वीजन प्रो की इस पहचान प्रक्रिया को साईबर क्राईम से जोड सकते हैं। यह डाटा भी कहीं न कहीं तो सेव हो रहा होगा।
यूपीआई का यूज करते समय हमारी पहचान ही हमारी सिक्योरिटी होती है। जैसे थंब इंप्रेशन, कोई आंकिक कोड, नंबर, या क्यूआर कोड आदि-आदि कुछ भी। पहले ही हम हमारे अंगुलियों के निशान, हमारे द्वारा लगाए जाने वाले कोड नंबर्स, हमारा फेस इंप्रेशन, आंखों की पुतलियों की पहचान और हमारी सोच खोकर साईबर क्राइम का शिकार बन रहे हैं। एपल वीजन प्रो इससे कहीं आगे बढकर आपकी बाकी पहचान भी जुटा रहा है।
क्या गारंटी है आपकी पहचान को डाटा के तौर पर कहीं बेचा नहीं जाएगा। क्या गारंटी है कि आपकी पहचान को डाटा के रूप में चोरी नहीं किया जा सकेगा। अगर इसकी कोई गारंटी नहीं है तो आपके अकाउंट, आपके सोशल मीडिया हैंडल्स और आपका निजी जीवन भी सुरक्षित नहीं है।
विकास और स्टेटस मेंटेन की दौड हमसे हमारी निजता, हमारा धन और हमारी सुरक्षा छीन रहा है। यह मैं दावे से कह सकता हूं कि आगे आने वाले समय में ऐसा भी हो सकता है कि आप कोई अपराध नहीं करें, लेकिन आप यह साबित नहीं कर पाएंगे कि अपराध करने वाले आप नहीं हैं, या आप उस जगह थे ही नहीं, जहां अपराध हुआ है।
क्योंकि केवल डाटा डिकोडिंग के जरिये हू-ब-हू आवाज, चहरे बनाए जा रहे हैं। अब रोबोट आ गए हैं जो मानव की तरह व्यवहार करते हैं। एपल वीजन प्रो आपका व्यवहार डाटा के तौर पर काॅपी कर रहा है। अगर यह डाट हैकर्स या अपराधियों के गु्रप के हाथ लग जाए तो आपका क्लोन तैयार करना और आसान हो जाएगा। ऐसे में आपको अनचाही भारी परेशानियों से भी गुजरना पड सकता है।
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