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Sunday, July 2, 2023

This school has become an example of friendship | Govt Primary School Dalalpur, Alwar, Rajasthan

This school has become an example of friendship | nksLrh dh felky cu x;k ;s Ldwy

 
राजकीय प्राथमिक विद्यालय  दलालपुर
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अलवर। अगर मन में कोई संकल्प लिया जाए तो कार्यसिद्धि संभव है। लेकिन जब संकल्प को दोस्तों का साथ मिल जाए तो संकल्प और सुदृढ हो जाता है और कार्यसिद्धि होती ही है। ऐसा ही जज्बा दिखाया है अलवर के उन मित्रों की जोडी ने जो सिविल सेवा की तैयारी में साथ थे। अलवर से करीब 12 किलोमीटर दूर राजकीय प्राथमिक विद्यालय  दलालपुर मित्रों के संकल्प की जीती-जागती मिसाल बन चुका है। मित्र मंडली ने केवल स्कूल का आर्थिक सहयोग किया] बल्कि अपना अमूल्य समय भी दिया और स्वयं ही बारी-बारी से मॉनिटरिंग की। इसी का परिणाम रहा कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय  दलालपुर अब किसी निजी स्कूल से कम नजर नहीं आता। यहां बच्चों और स्टाफ के लिए वे सब सुविधाएं उपलब्ध हैं जो किसी निजी स्कूल में भी नहीं होती।
 
 
राजकीय प्राथमिक विद्यालय  दलालपुर

 
 

क्या-क्या हुए काम

 
स्कूल में दो चरणों में मित्र मंडली ने नव निर्माण और रिनोवेशन करवाया है। स्कूल में जहां पहले कमरों पर छत के रूप में टिनशेड था वहां अब सभी कक्षों पर पक्की छत है। कच्चे चौक और टूटे फूटे सीमेंटेड फर्श पर अब चमचमाती टाइलें नजर आती हैं। बच्चों व संस्था स्टाफ को कक्षा कक्ष और प्रार्थना स्थल पर धूल नहीं फांकनी पडती। स्कूल की रसोई अब आधुनिक हो चुकी है। रसोई को रसोई के साथ आंगनबाडी का रूप दिया गया हैA जिसमें बच्चों को आकर्षित करती चित्रकारी कराई गई है। 
 
राजकीय प्राथमिक विद्यालय  दलालपुर

 
 
नीचे और बरिश में टपकते कक्षा कक्षों व संस्था प्रधान के कार्यालय को उंचा उठाकर पूरी तरह रिनोवेट कर दिया गया है। पहले जहां छत व दीवारों का प्लास्टर झडता था उन्हीं कमरों की दीवारें और छत उम्दा रंग-रोगन से आकर्षित लगती हैं। 
 
बाउंड्रीवॉल उंची कराई गई है और सीढियां भी बनवाई गई हैं ताकि छत की साफ-सफाई भी हो सके। इसके अलावा स्कूल में बच्चों व स्टाफ को पेयजल की सुविधा के लिए 12 बाई 5 का पक्का वाटर टैंक बनवाया गया है और वाटर फिल्टर भी लगाया गया है। 
 
राजकीय प्राथमिक विद्यालय  दलालपुर

 
 
दिव्यांगों के लिए स्कूल में रेंप निर्माण भी किया गया है। इसके अलावा कक्षा कक्षों व कार्यालय के गेट व जंगले भी टूट चुके थे] जिनकी जगह नए गेट व जंगले लगवाए गए हैं। 
 
सब से अच्छी बात यह रही कि इस संपूर्ण कार्य में एक भी पेड को नहीं काटा गया। पेडों तले बच्चों के लिए शाला परिसर में झूले लगाए गए हैं ताकि मां सरस्वती के मंदिर में शिक्षा की जोत से रोशन होने के साथ बचपन खिलखिलाता भी रहे।
 

कैसे हुआ यह चमत्कार

This school has become an example of friendship
 

राजकीय प्राथमिक स्कूल  दलालपुर में यह चमत्कार आसान नहीं था। वर्ष 2021 में संस्था प्रधान विमल जैन के आग्रह पर भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और लक्ष्मणगढ तहसील के हरसाणा निवासी डॉ धीरज जैन ने स्कूल का विजिट किया। 
 
स्कूल के हालात] बच्चों व स्टाफ की समस्या देख संस्था प्रधान विमल जैन से बातचीत की। स्कूल की जरूरतें पूछी और एस्टीमेट बनाकर देने के लिए कहा। 
 
This school has become an example of friendship

 
 
प्रधानाचार्य विमल जैन ने नवनिर्माण] रिनोवेशन और जरूरी साधनों की मांग दर्शाते हुए एस्टीमेट बनाकर दे दिया। अब बात आई पैसा कहां से आए। इस पर आईआरएस डॉ धीरज जैन ने मित्रमंडली के समक्ष आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा]
जिसे सभी मित्रों ने स्वीकृति दे दी। 
 
This school has become an example of friendship

 
 
इस पर आरएएस अधिकारी डीएसओ जितेन्द्र सिंह नरूका] आरएएस अधिकारी हरिओम मीणा] आरएएस अधिकारी दिनेश शर्मा] प्रवासी भारतीय स्वतंत्र विजय] प्रवासी भारतीय राजा वैराष्ठक] संघर्ष] प्रवासी भारतीय भूपेन्द्र सिंह चौहान] अनुराग जैन] शिक्षा सूचना एवं संचार अधिकारी नीतेश सोनी] एडवोकेट अंशुमन वशिष्ठ] संजीव यादव] सत्येन्द्र यादव आदि ने आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई और देखते-देखते दोस्तों के संकल्प ने एक साल के लगातार परिश्रम के बाद स्कूल की सूरत बदल डाली।
 
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