बीस रूपए के तीन समोसे, इनमें क्या है।
Three samosas of twenty rupees, what is in them?
सवाल ज्यादा कठिन नहीं है, लेकिन जब पूछने वाले ने यह सवाल पूछा तो इसका जवाब समोसे खाने वाले केवल इतना सूझा कि आलू। सही भी है। आलू बिना समोसा कैसे बन सकता है। लेकिन बात गहराई से सोचिये और जवाब दीजिये। इतने समोसे ही यह कहानी थोडा विस्तार से बताते हैं।
बात यह है कि राजस्थान में अलवर से लेकर जयपुर के बीच किसी भी ट्रेन में चले जाइये। आपको जोर से आवाज आएगी। गर्म नाश्ता। बीस रूपए के तीन समोसे। इस आवाज में दोनों शब्दों पर पूरा जोर रहता है। बीस रूपए और तीन समोसे। हर व्यक्ति का ध्यान जाता है। लोग खरीदते हैं और गर्म समोसों का आनंद लेते हैं। मैने भी कई बार लिया है। इन समोसों का आनंद नहीं ले पाते तो वो जो बेचारे सुपीरियरिटी कॉम्पलेक्स के शिकार होते हैं।
ये समोसे इतना मजबूत होते हैं कि दिन मंे एक बार बनते हैं और हर टेªन के आने से पहले गर्म तेल की कढाई में गोता लगाकर आते हैं। सुबह ये पीले रंग के होते हैं और जो समय पर पेट में नहीं पा पाते वे शाम होते-होते तेल के रंग के या हल्के भूरे-लाल हो जाते हैं। इनके हर समय गर्म रहने का यही राज है। अब उस सवाल पर आते हैं कि इन समोसों मंे क्या है। एक सहयात्री ने जब समोसे खरीदे तो पास बैठे यात्री ने व्यंग्य कसा कि इनमें है क्या। उसका व्यंग्य यह कह रहा था कि बीस के तीन समोसे हैं, इनमें न तो आलू होगा, न मसाला। लेकिन फिर भी गौर से सोचें तो यह समोसे जनरल बोगी में और जनरल रेलों में अधिक बिकते हैं। इन समोसों में आलू भी है, हल्का-फुल्का मसाला भी। तेल में भीगे भी हैं और आंच पर तले और सेके भी गए हैं।
इसके अलावा इन समोसों में जरूरतमंदों की भूख मिटाने की क्षमता भी है, रेलों में बेरोजगारों को रोजगार देने की क्षमता भी है, रेलवे के अफसरों की जेबें गर्म करने की क्षमता भी ये लिए हुए हैं। हरी मिर्च इन समोसों के साथ टेªन में फ्री दी जाती है। भूख से व्याकुल चटपटा खाने वालों को ये पूरी तरह तृप्त कर देते हैं। स्टेशन पर खरीद कर खाएंगे तो हो सकता है आपको लाल चटनी या सॉस भी साथ में मिल जाए। समोसे बेचने वाले के परिवार का आर्थिक और सामाजिक बोझ उठाने की क्षमता बीस रूपए के तीन बिकने वाले इन समोसों में बखूबी भरी हुई है। समोसे वाले के बच्चों को स्कूल में पढाने की क्षमता से ये समोसे लबरेज हैं और हो सकता है जो मैने बताया है उससे अधिक भी इन समोसों में आपको नजर आ जाए। चलो अंत में राज की बात भी बता देते हैं, सामान्य कोच में बीस के तीन वाले ये समोसे स्लीपर में बीस के दो बिकते हैं। यानि इन समोसों में धर्मधीरा भी है। अब भी आपको ये समोसे नहीं भाएं तो ये समोसे अभागे बिल्कुल भी नहीं हैं।
राधे-राधे
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