This Military Doctor Started The Operation Of The Earth, Whoever Saw That, Stayed There |
इस फौजी डाॅक्टर ने शुरु किया धरती का आपरेशन,जिसने देखा वह वहीं रूक देखता रह गया
Dr Vijya Pal Yadav With Team |
हम बात कर रहे हैं एक्स आर्मी मैन डाॅ विजयपाल सिंह यादव की। यानि एक फौजी डाॅक्टर की। डाॅ यादव पेशे से एक सर्जन हैं। यानि लोगों के आपरेशन की गंभीर बीमारियों से निजात दिलाते हैं। लेकिन इससे पहले वे भारत माता के सपूत हैं जिन्होंने आर्मी में रहकर देश और जवानों की सेवा की, और आज भी वह जज्बा कायम है।
जब मैने सुना कि एक डाॅक्टर पृथ्वी के आपरेशन में लगा है तो मैं कुछ समझ नहीं पाया कि माजरा क्या है। फिर मैने तय किया कि इनसे मिलना है। कहीं से फोन नंबर लिए, संपर्क साधा और पहुंच गया इनसे मिलने। पूरे एक दिन इनके साथ रहा मैं और पूरे आपरेशन को अपनी आंखों से देखा। तब समझ आया कि आखिर कैसे इन्होंने पृथ्वी का आपरेशन आरंभ किया और आगे इससे क्या होने वाला है।
डाॅक्टर साहब के बारे में मैं आपको बता ही चुका हूं। यह भी बताता चलूं कि इनका एक अस्पताल भी है और वह भी अच्छा खासा चलता हुआ। ऐसे व्यस्त समय में से पृथ्वी का आपरेशन करना और वो भी पूरी टीम के साथ। यह बात हम सभी को प्रभावित करने वाली होनी चाहिए। क्योंकि आज के जमाने में पैसे कमाना ही सबकुछ हो गया है वहां एक डाॅक्टर कमाई के व्यस्त समय में से हमारी धरती और हमारे लिए समय निकाले तो बहुत बडी बात होती है। मेरे लिए तो है। आपके लिए भी होनी चाहिए।
कई राज्य और आर्मी के जवान भी जुडे हैं
जब डाॅ विजयपाल यादव ने यह आपरेशन आरंभ किया तो काफी दिक्कत हुई। दिक्कत तो अभी भी है, लेकिन जैसा कि हमेशा होता हैै, देश के जवान ही पहल करते हैं........डाॅ साहब के फौज के पुराने साथियों, जिनमें कुछ चिकित्सक, कुछ कैप्टन, कुछ सुबेदार, और बहुत से जवानो ने उनका सपोर्ट करना आरंभ किया और आज भारत के कई राज्यों में उनका यह आपरेशन पृथ्वी पहुंच चुका है।
अब आप सोच रहे होंगे कि इस डाॅक्टर ने आखिर ऐसा क्या किया है। आपका सोचना वाजिब है। बात ही कुछ ऐसी है, अपनी जेब से लाखों रूपए खर्च भी कर दिए और आपरेशन लगातार जारी है। उन्हें अब जरूरत है तो आपके सपोर्ट की। आइये आपको बताते हैं आखिर पूरा मामला है क्या।
दरअसल डाॅ विजयपाल यादव ने फौज में रहकर देश की सेवा की है। इसलिए उनका जुडाव देश के लोगों से भी है। आज की सबसे बडी समस्या है पानी और पर्यावरण। इसे सुधारने की दिशा में ही डाॅक्टर साहब अपनी टीम के साथ जुटे हैं। इसके लिए सबसे पहले उन्होंने टीम बनाई और उपकरण जुटाए। अब उपकरणों के बारे में सुनेंगे तो चैंक जाएंगे। यानि पूरे प्रोफेशनल तरीके से उन्होंने इस काम को अंजाम देना शुरू किया और वो भी एकदम निशुल्क। बिना पैसा लिए।
डाॅक्टर विजयपाल यादव ने सबसे पहले एक ट्रेक्टर खरीदा और उसमें हाईड्रोलिक ड्रिल मशीन लगवाई। यह मशीन कुछ सैंकंडों में कठोर से कठोर जमीन पर गड्ढा बना देती है। जहां डाॅक्टर साहब और उनकी टीम पौधे लगाती है। साथ ही एक नई बाइक खरीदी और उसे आधा कटवाकर उसमें पीछे लकडी का रिक्ष जुडवाया। यह बाइक रिक्षा पौधे, अन्य उपकरण जैसे साबली, फावडे, ट्रीगार्ड और पौधे ढोने के काम आती है। इसे चलाने वाले उनके स्टाफ के सदस्य ही हैं । कोई नर्सिंगकर्मी है तो कोई फार्मासिस्ट।
Dr Vijyapal Yadav On Work Beside The Road In Alwar |
डाॅक्टर विजयपाल यादव और उनकी टीम आज अलवर जिले में अनेक स्थानों पर इतने पेड लगा चुकी है कि गिनना मुष्किल है। लेकिन समस्या है तो ट्रीगार्ड की। बिना ट्रीगार्ड के पौधों की संभाल मुष्किल है।
डाॅ विजयपाल का कहना है कि जितना अधिक सहयोग मिलेगा उतना अधिक हम पृथ्वी को बचा पाएंगे। पेड हैं तो सबकुछ है। बीमारियां भी कम होंगी और पानी भी खूब होगा। यदि ये दोनों चीजें हैं तो लोगों के पास पैसा भी होगा और स्वास्थ्य भी। लेकिन यह समझना होगा कि हमें इस अभियान में सहयोग जरूरी है।
उनका कहना है कि लोग नीम के छोटे पेडों की कोपलों को तोड कर खाते हैं, इससे बढवार रूक जाती है। और पौधा खत्म हो जाता है। खूब समझाया, आखिर ट्रीगार्ड के कपडा बांधना पडा। एक माह में ही इतनी ग्रोथ हुई जितनी 1 साल में होती है। यह बात हर किसी को समझनी होगी। छोटे लालच में अपनी पीढियों का नुकसान नहीं करने की सोच रखनी होगी।
आज डाॅ विजयपाल की प्रेरणा से हरियाणा के रेवाडी जिले के गांव लिसाना के श्म्शान घाट में रिटायर्ड सुबेदार हरपाल ने सैकडों पेड लगा दिए।
गांव लिसाना के श्म्शान घाट में रिटायर्ड सुबेदार हरपाल पौधे लगाते हुए । |
इसके अलावा राजकीय विद्यालय खतवाली में भी काफी पौधे लगाए गए।
राजकीय स्कूल मे पौधे लगाते हुए सुबेदार हरपाल । |
सुबेदार मेजर समयपाल सिंह ने दिल्ली स्थित बेस हाॅस्पिटल में साथी जवानों के साथ मिलकर पौधारोपण किया।
सुबेदार मेजर समयपाल सिंह ने दिल्ली स्थित बेस हाॅस्पिटल में साथी जवानों के साथ मिलकर पौधारोपण करते हुए । |
लोगों ने सहयोग नहीं किया तो खुद संभाला कटर और साबली
अपने खुद के अस्पताल में एसी रूम का आराम छोड डाॅ साहब सहज भाव से आज भी आपको अलवर में कहीं भी साबली और कटर से से पुराने ट्रीगार्ड निकालते दिख जाएंगे। डाॅक्टर होने का अहम उन्हें छू भी नहीं गया। तभी पूरी टीम भी उनके साथ जुटती है।दोस्तों यह पोस्ट आपको कैसी लगी बताएं। पसंद आई तो कमेंट करें और न्यूज सपाटा को फाॅलो करें। यदि आपके पास भी ऐसी कोई स्टोरी है तो या आपने ऐसा कोई काम किया है जिसे प्रमोट किया जा सके तो आप हमारे मेल आईडी पर अपनी फोटो और स्टोरी लिख भेज सकते हैं। साथ ही अपने मोबाइल नंबर भी लिख भेजें। जरूरत पडने पर हमारी टीम आपसे संपर्क कर लेगी।
धन्यवाद।
Good initiative, people should learn, everyone should contribute for such common welfare
ReplyDeletevery good sir
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