Major empires and their founders in India
भारत में विदेषी षासन और मुख्य बातें
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1 -बैक्टीयन (Bectrians) षासकों को यवन कहा जाता है।
2 -सिकन्दर के बाद डमेटियस पहला युनानी षासक था
जिसकी सेना भारतीय सीमा में प्रवेष कर सकी। उसकी
सेना ने सिंध और पंजाब पर 183 ई पूर्व अधिकार कर लिया था।
3 - यूकेटाईडीज ने भारत के कुछ क्षेत्रों पर अधिकार
कर तक्षषिला को राजधानी बनाया।
4 -यवनों के बाद आए षक षासकों को सीथियन कहा जाता है।
5 -षकों की पांच षाखाएंः-
काबुल, तक्षषिला, मथुरा उज्जयीनी और नासिक।
6 -रूद्रदामन प्रथम षकों का सबसे महान षासक था।
7 -षकों के बाद पहल्लव आए। इन्हें पार्थियन कहा जाता है।
पहल्लव षासक गोदोंफर्निस के काल में सेंट थामस ने ईसाई
धर्म का भारत में प्रचार किया।
8 -रेषम मार्ग पर कुषाणों का अधिकार था।
9 -भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पहले सोने के सिक्के
कुुषाणों ने चलाए।
10 -कनिष्क ने बौध परिषद का गठन किया।
11 -अष्वघोष ने कनिष्क के दरबार में बुधचरित लिखा।
12 -बौध धर्म की महायान षाखा का उदय कनिष्क के
षासन काल में हुआ था।
प्रमुख राजवंष और उनके संस्थापक
2 गहडवाल वंष- च्रददेव
3 पाल वंष- गोपाल पाल
4 सेन वंष- विजय सेन
5 षाहीवंष- कल्लर
6 गुर्जर प्रतिहार वंष- नागभट्ट प्रथम
7 कलचुरी वंष- वामराज देव
8 मल्लवंष- अरिमल्ल देव
9 लोहर वंष- संग्राम राज
10 कार्कोट वंष- दुर्लभ वर्मन
11 उत्पल वंष- अवन्ति वर्मन
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