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Saturday, June 8, 2019

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नमस्कार दोस्तों आपका मेरे ब्लाॅग न्यूजसपाटा पर स्वागत है। उम्मीद करता हूं आप सभी की पढाई अच्छी चल रही होगी। मैं यहां बात करूंगा टेट एग्जाम के संबंध में। साथ ही बात करूंगा शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के बारे में। सही तैयारी हो तो हम अच्छे अंक लाकर सलेक्ट हो सकते हैं। CTET सीटेट, REET रीट, UPTET यूपीटेट, CGTET सीजीटेट, UKTET यूकेटेट, HTET एचटेट सहित सभी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में जिनमें SST एसएसटी होता है उन सभी का पैटर्न एक जैसा होता है। यदि हम यह पैटर्न पकड पाते हैं तो हमारे सलेक्ट होने के चांस बढ जाते हैं। यहां मैं ऐसे ही प्रश्न और उत्तर लेकर  आया हूं जो अभी तक विभिन्न टेट और शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में पूछे जाते रहे हैं। उम्मीद करता हूं आप इन प्रश्नों के नियमित अध्ययन से सफलता अर्जित करेंगे और एक अच्छे शिक्षक बन देश की सेवा करेंगे। आपसे अनुरोध है कि प्रतिदिन हमारे ब्लाॅग पर विजिट करें और इन प्रश्नों को बार बार रिपीट करें ताकि आपकी सफलता सुनिश्चित हो सके।

धन्यवाद।

दक्षिण भारत के राजवंष


1 -चालुक्यः-संस्थापक पुलकेषिन प्रथम-राजधानी वातापी।

2 -हर्षवर्धन को नर्मदा तट पर हराया-पुलकेषिन द्वितीय।

3 -पुलकेषिन द्वितीय ने पर्षिया के राजा खुसरो के दरबार
में दूत भेजा।

4 -हवेनसांग पुलकेषन द्वितीय के दरबार में आया था।

5 -राष्टकूट वंषः-संस्थापक दंतिदुर्ग।

6 -इसी वंष के कृष्ण प्रथम ने एलोरा के कैलाष मंदिर बनवाया।

7 -इस वंष का अमोघवर्ष कवि था।

8 -पहली कन्नड कविता-कविराज मार्ग और प्रषनोत्तर
मलिका अमोघवर्ष ने लिखी।

9 -धु्रव प्रथम इस वंष का प्रथम ऐसा राजा जिसने उत्तर भारत
में अधिपत्य के लिए त्रिकोणीय संघर्ष में भाग लिया तथा उसने 
गुर्जर प्रतिहार राजा वत्सराज और पाल नरेष धर्मपाल को हराया।

10 -पल्लव वंषः-वास्तविक संस्थापक सिंहविष्णु-राजधानी कांची।

11 -इसी वंष के नरसिंहवर्मन ने महाबलिपुरम बसाया और इसी ने 
महाबलिपुरम में सात पैगोडा बनवाए। इन्हें एकात्मकरथ भी कहा
जाता है।

12 -हवेनसांग नरसिंहवर्मन के काल में ही कांची गया।

13-भारवि ने किरातार्जुनियम लिखा-महेन्द्रवर्मन के काल में।

14-मत्त विलास प्रहसन की रचना महेन्द्रवर्मन ने की।

15 -पल्लव वंष का अंतिम राजा अपराजित था।

16-गंग वंष के नरसिंहवर्मन ने कोर्णाक का सूर्यमंदिर बनवाया।

17-गंग वंष के अनन्तवर्मन ने जगन्नाथपुरी मंदिर बनवाया।

18 -भुवनेष्वर का लिंगराज मंदिर केसरी षासकों ने बनवाया।

19 -उरः-चोल साम्राज्य में किसानों की बस्तियां।

20 -नाडुः-चोल साम्राज्य में गांवों के समूह को नाडु कहते थे।

21-न्याय करने और कर वसूलीः-नाडु और ग्राम परिषद करती थी।

22-मुवेन्दवेलन, अरइयारः-ये उपाधियां वेल्लाल जाति के मानी
किसानों को चोल साम्राज्य में दी जाती थी। 


23-चोल साम्राज्य में भूमि के प्रकार

1 षालाभोगः- विद्यालय के रखरखाव के लिए

2 देवदान, तिरूनमटुक्कनीः-मंदिर के लिए

3 वेल्लनवगाई-गैर ब्राहम्णों को दी गई भूमि।

4 पल्लिचंदनमः-जैन संस्थाओं को दी गई भूमि।

24-नगरमः-व्यापारियों का संघ जो कि प्रषासकीय कार्य भी
करता था।

25 उरः-साधारण सभा या ग्राम सभा।

26 आलुगंणमः-उर की कार्यकारिणी समिति के सदस्य।

27 सभा या महासभाः-वरिष्ठ ब्राहम्णों या अग्रहारों की सभा।

28 वारियमः-कारोबार की देखरेख करने वाली समिति।

29 वारियम में वही व्यक्ति षामिल हो सकता था जो खुद
की खेती भूमि और घर का मकान रखता था और
जो वैदिक मंत्रों का ज्ञाता था।

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