A Boy Who got life By RBSK | गौरेष के जीवन में आरबीएसके ने किया उजियारा
पाडली गांव निवासी गौरेष के पिता दिनेष मीणा ने बताया कि गौरेष जरा सी उंची आवाज सुनकर या धमक सुनकर बुरी तरह घबरा जाता था। खेल कूद नहीं सकता था। खेलता तो बेहोष हो जाता। समझ नहीं आ रहा था कि उसे आखिर हुआ क्या है। गौरेष की उम्र महज तीन साल है। जब अस्पताल में दिखाया तो उसकी बीमारी के बारे में पता चला साथ ही यह भी पता चला कि इलाज में बहुत खर्च होगा। इतने पैसे नहीं थे कि गौरेष का इलाज करा सकें।
इसी बीच पाडली गांव के आंगनबाडी केन्द्र में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम आई। बच्चों की जांच के दौरान उन्हें पता चला कि गौरेष को दिल की बीमारी है। जब टीम के सदस्य डाॅ मनोज मीणा, डाॅ ममता मीणा, राजेष कसाना और भगवंती बाई ने बताया कि उनके बेटे की बीमारी का इलाज निषुल्क हो सकता है। एक पैसा भी खर्च नहीं होगा।
टीम की बात सुनकर जान में जान आई और लगा कि गौरेष भी सामान्य जीवन जी सकेगा। टीम की सलाह के बाद गौरेष का आरबीएसके कार्ड बनवाया और कुछ ही समय बाद 31 मई 2019 को जयपुर के नारायणा अस्पताल में गौरेष का आॅपरेषन हो गया। गौरेष आज न तो घबराता है और न ही खेलने कूदने पर बेहोष होता है।
टीम के डाॅ मनोज मीणा ने बताया कि आरबीएसके की टीमें प्रत्येक गांव में आंगनबाडी केन्द्रों और स्कूलों में जाती हैं। इसलिए बच्चों को स्कूल और आंगनबाडी केन्द्र जरूर भेजें ताकि उनका निषुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सके और यदि कोई बीमारी है तो उसका निषुल्क उपचार कराया जा सके।
No comments:
Post a Comment