Pedagogy Solved Paper | psychology solved paper | CTET Solved Papers | REET Solved Papers | HTET Solved Papers | UPTET Solved Papers | MPTET Solved Papers | Part 2
CTET, REET, HTET, UPTET, MPTET की विभिन्न परीक्षाओं में आए प्रश्न और उत्तर और आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर Part 2
Pedagogy Solved Paper | psychology solved paper | CTET Solved Papers | REET Solved Papers | HTET Solved Papers | UPTET Solved Papers | MPTET Solved Papers | शिक्षा मनोविज्ञान के हल प्रश्न पत्र | Part 2
- समायोजन की प्रक्रिया है -गतिशील
- व्यक्ति का कुसमायोजन प्रकट होता है -झगड़ालु प्रवृत्तियों में, पलायनवादी प्रवृत्तियों में, आक्रमणकारी के रूप में
- कल्पना की अधिकता के कारण दिवास्वप्न देखने वालों को कहते हैं -कुसमायोजित व्यक्ति
- समायोजन नहीं कर पाने का कारण है -द्वन्द्व, तनाव, कुण्ठा
- विचलनात्मक व्यवहार समायोजन के लिए होता है -अच्छा, बुरा, सहयोगी
- मनस्तापी बालकों की समस्या नहीं है -मौलिकता
- व्यक्तित्व के समायोजन में निम्न में से जो तत्व बाधक हैं, वह है -भग्नाशा
- निम्न में से वह कारक जो कुसमायोजित बालक की पहचान कराने वाला है -अस्थिर संवेग
- अच्छे समायोजन की विशेषता है -सहनशीलता
- निम्न में से कौन सी रक्षात्मक युक्ति नहीं है - साहचर्य
- व्यक्तित्व समायोजन की प्रत्यक्ष विधि है -बाधा-निराकरण
- निम्न में से कौन सा तनाव को कम करने का अप्रत्यक्ष ढंग है -उदातीकरण
- एरिक्सन के अनुसार आप अपना व्यक्तित्व समायोजन नहीं कर सकते, यदि आप -अपने आपको नियंत्रित करने में असमर्थ है।
- निम्न में से कौन सा तरीका प्रत्यक्ष समायोजन का है -लक्ष्यों का प्रतिस्थापन
- कुसमायोजन परिणाम है -कुण्ठा का, तनाव का, संघर्ष का
- ”भग्नाशा का अर्थ है किसी इच्छा या आवश्यकता में बाधा पड़ने से उत्पन्न होने वाला संवेगात्मक तनाव।” कथन है -गुड
- बालकों के कुसमायोजित होने के कारण होते हैं ।आनुवंशिक कारण, स्वभावगत या संवेगात्मक तथा शारीरिक
- ”समायोजन वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा प्राणी अपनी आवश्यकताओं और इन आवश्यकताओं की पूर्ति को प्रभावित करने वाली परिस्थितियों में संतुलन रखता है।” कथन है -बोरिंग, लेग्फेल्ड, वेल्ड
- ”एक बालक अपनी दुःखभरी परिस्थिति को भुला देता है”, तो उसे क्या कहते है -दमन
- निष्पादन परीक्षण विधि के प्रवर्तक कौन हैं-हार्टशोर्न व मेय
- सीजोफ्रेनिया का सम्बन्ध किससे है -मनोरोग
- व्यक्ति के मानसिक तनाव को कम करने की प्रत्यक्ष विधि है -बाधा दूर करना
- एक समायोजित व्यक्ति की विशेशता नहीं है -वैयक्तिक उद्देश्यों का प्रदर्शन
- भग्नाशा की दशा में छात्र का व्यवहार होता है -आक्रमणकारी व्यवहार, आत्मसमर्पण, गृहत्याग करना
- तनाव को कम करने का अप्रत्यक्ष ढंग कौन सा है - उदात्तीकरण
- एक छोटा बालक जिसे उसके एक साथी ने पीटा है, घर लौटने पर उसके छोटे भाई को लात लगाता है। यह बालक जो प्रतिरक्षा युक्ति का उपयोग कर रहा है, कहलाती है -प्रतिस्थापन
- दमन एवं शमन प्रकार है -रक्षा युक्ति के
- निम्नलिखित में से कौन सा संवेग युयुत्सा के मूल प्रवृत्ति से संबंधित है -क्रोध
- बच्चे जैसा व्यवहार करना एक उदाहरण है -प्रतिगमन
- रोनेनविग परीक्षण मापन करता है -कुण्ठा का
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- किशोरों में द्वन्द्व उभरने का मुख्य कारण है -अवसरों की प्रतिकूलता
- मनोविश्लेषणवादियों के अनुसार अतृत्प असामाजिक इच्छाओं का संबंध है -इदम् से
- एक व्यक्ति जो अपने आप को एक कमरे में बंद कर लेता है और किसी से मिलने या बात करने से मना कर देता है, वह रक्षा युक्ति काम में ले रहा है - पलायन
- निम्नलिखित में से कौन सा समाज विरोधी बालक के बारे में सत्य नहीं है -समाज विरोधी बालक के लक्ष्य यथार्थवादी होते हैं।
- विद्यालय छोड़ने वाले विद्यार्थियों के नियंत्रण की द़ष्टि से सरकारी संगठनों द्वारा संस्थान के स्तर पर विभिन्न उपाय किए गए हैं। निम्नलिखित में से कौन सा संस्थानिक स्तर से जुड़ा है जिसके कारण बच्चे विद्यालय छोड़ देते हैं
- -जो बच्चे अनिवार्य पाठ्यचर्चा को स्वीकार नहीं कर पाते उनके लिए विकल्पनात्मक पाठ्यचर्चा का न होना।
- एक छोटे कद की लड़की ऊँची एड़ी के जूते पहन कर लम्बी दिखना चाहती है। उसने निम्न में किस रक्षायुक्ति का प्रयोग किया -क्षतिपूर्ति
- मानसिक थकान का लक्षण है -ध्यान का केन्द्रित न होना।
- भग्नाशाका सबसे बड़ा आंतरिक कारण है -मानसिक संघर्ष
- ”किसी व्यक्ति द्वारा अपना अस्तित्व भूलाकर किसी दूसरे व्यक्ति के गुणों व अवगुणों का अनुकरण करना कहलाता है - तादात्मीकरण
- जब व्यक्ति असफलता, दुःख, पीड़ा को बलपूर्वक भूलने का प्रयास करता है, इसे कहते हैं -दमन
- एक विकलांग बालक अत्यधिक परिश्रम करके कक्षा में प्रथम आने का प्रयास करता है, इसे किस प्रतिरक्षण प्रणाली में रखेंगे -क्षतिपूर्ति
- कुछ लोगों का कहना है कि जब बालकों को गुस्सा आता है तो वह खेलने के लिए चले जाते हैं जब तक पहले से अच्छा महसूस नहीं करते हैं उनके व्यवहार में निम्नलिखित में से कौन सा प्रतिरक्षा तंत्र प्रतिलक्षित है -पृथक्करण
- समायोजन से तात्पर्य स्वयं का विभिन्न परिस्थितियों में अनुकूलन करना है ताकि संतुष्ट किया जा सके -आवश्यकताओं को
- स्कूल से भागने वाले बालक के अध्ययन की सर्वाधिक उपयोगी विधि है -केस स्टडी विधि
- कुछ बालक पुस्तकीय ज्ञान जल्दी सीख लेते हैं। कुछ व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने में कुशल होते हैं, यह विभेद कहलाता है -मूल प्रवृत्ति का भेद
- वह विधि जो ‘देखकर सीखने का सिद्धान्त’ पर आधारित है - निरीक्षण विधि
- शैक्षिक प्रक्रिया के तीन प्रमुख अंग हैं -उद्देश्य® का अध्ययन, अध्यापन परिस्थितियाँ, मूल्यांकन
- माध्यमिक शिक्षा आयोग, 1953 द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम के सिद्धान्त हैं -अनुभवों की सम्पूर्णता का सिद्धान्त, सामुदायिक जीवन से सम्बन्धता का सिद्धान्त, अवकाश के क्षणों के सदुपयोग का सिद्धान्त
- ”भारत का भविष्य उसकी कक्षाओं में निर्मित हो रहा है।” यह मत किस आयोग का है -कोठारी शिक्षा आयोग
- कक्षा शिक्षण तब अच्छा होता है, जब छात्र -प्रश्न पूछते हैं
- अध्यापक की सर्वाधिक उपयुक्त उपमा दी जा सकती है -माली से
- पाठ्यक्रम निर्माण की आवश्यकता है -शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु
- दल-शिक्षण का सर्वप्रथम प्रयोग किया गया -अमेरिका में
- परम्परागत शिक्षण विधि है - व्याख्यान विधि
- कौन सा गुण वस्तुनिष्ठ परीक्षा का नहीं है -व्यक्तिनिष्ठ
- अच्छे प्रश्न-पत्र में गुण होना चाहिए - वैघता, विश्वसनीयता, वस्तुनिष्ठता
- पाठ्यक्रम निर्माण का सिद्धान्त है - क्रियाशीलता का सिद्धान्त, विविधता का सिद्धान्त, उपयोगिता का सिद्धान्त
- बालक सर्वप्रथम मातृभाषा को सीखता है -मातृबोली के रूप में
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- राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा 2005 की कार्यशाला आयोजित की गई -NCERT / एनसीईआरटी नई दिल्ली में
- विषय वस्तु को छोटे-छोटे अंशों में बांटने का शिक्षण सिद्धान्त कहलाता है -विश्लेषण का सिद्धान्त
- छब्म्त्ज् एनसीईआरटी जोर देती है - बाल केन्द्रित शिक्षा पर
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा 2005 के अनुसार प्रभावी शिक्षकहेतु आवश्यक है - छात्र केन्द्रित शिक्षण, दृश्य-श्रव्य सामग्री, योग्य शिक्षक
- राष्ट्रीय- पाठ्यचर्चा 2005 के अनुसार पाठ्यक्रम निर्माण का सबसे उपर्युक्त सिद्धान्त है -बाल केन्द्रियता का सिद्धान्त, लचीला पाठ्यक्रम, क्रियाशीलता का सिद्धान्त
- जब बच्चा सर्वप्रथम नक्शे से पढ़ता है, तब नक्शा -प्रोजेक्टर से ऊपर होना चाहिए
- पाठ्यचर्चा 2005 के अनुसार अध्यापक के गुणों को वर्गीकृत किया गया है -दो वर्गों में
- अध्यापक का विशेष गुण है -सहनशील
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 के अनुसार अध्यापक की भूमिका है -शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति, शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावी बनाना, प्रभावी मूल्यांकन
- शिक्षण में किसने पाँच औपचारिक पद दिये -हरबर्ट हरबर्ट की पंचपदी भी कहते है।
- शिक्षण करते समय अध्यापक को ध्यान नहीं रखना चाहिए -जातिगत भेदभाव का
- छात्रों को गृह-कार्य दिया जाना चाहिए -संतुलित
- किंडरगार्टन पद्धति में शिक्षक की भूमिका होती है - पथ प्रदर्शक
- किस धारा के अन्तर्गत शिक्षकों के लिए अकादमिक उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया किया गया है -24
- विद्यार्थी विज्ञान में चित्र बनाना सीखते हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए बनाए गए प्रश्न निम्नलिखित उद्देश्य से सम्बन्धित होंगे -कौशल
- आगमन विधि में छात्र अग्रसर होता है -विशिष्ट से सामान्य की ओर
- निम्नांकित में से पाठ योजना का अंग नहीं है -जाँच कार्य
- हरबर्ट की पंचपदीय प्रणाली में परिगणित पद नहीं है -मूल्यांकन
- दलीय शिक्षण पद्धति का प्रारम्भ हुआ -अमेरिका में
- सूक्ष्म शिक्षण का समय है -5 से 10 मिनट
- साहचर्य विधि का आविष्कार किया -मारिया मांटेसरी ने
- शिक्षा की किंडर गार्टन पद्धति का प्रतिपादन किया -फ्रोबेल
- परिवार एक साधन है -अनौपचारिक शिक्षा
- सीखने का सर्वोत्तम तरीका है -करना।
- खेल पद्धति के प्रवर्तक माने जाते हैं - हेनरी कॉडवेल कुक
- खेल पद्धति पर आधारित शिक्षण विधि नहीं है -व्याख्यान
- क्रियात्मक अनुसंधान किया जाता है -अध्यापक द्वारा
- शिक्षण प्रक्रिया में विद्यार्थी है - आश्रित चर
- NCF 2005 बल देते है -करके सीखने पर
- NCF 2005 में कला शिक्षा को विद्यालय में जोड़ने का उद्देश्य है -सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा करना, छात्रों के व्यक्तित्व और मानसिक स्वास्थ्य को विकसित करना।
- कार्यसूचक क्रिया ‘परिभाषित करना’ किस उद्देश्य से सम्बन्धित है -ज्ञान
- विज्ञान शिक्षण की वह विधि जिसमें विद्यार्थी को एक खोजी के रूप में कार्य करने का अवसर दिया जाता है, कहलाती है -ह्यूरिस्टिक विधि
- जब एक छात्र गणित की समस्या को स्वयं हल कर सकता है, तो शिक्षण के किस उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है -ज्ञानोपयोग
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