Many world problems can end if you apply "Anekantwad": dr. Jain
अनेकांतवाद लागू करे तो समाप्त हो सकती हैं विश्व की अनेक समस्याएं-डाॅ जैन
अलवर। वर्तमान से वर्धमान तक पुस्तक के लेखक और आयकर विभाग, दिल्ली में संयुक्त आयकर आयुक्त डाॅ श्री धीरज जैन ने कहा है कि जैन धर्म के सिधांत आज भी उतने ही कारगर हैं जितने कि जैन काल में हुआ करते थे। ये सिधांत न केवल जैन धर्म के लिए बल्कि सकल समाज के लिए उपयोगी हैं। डाॅ जैन रविवार को यहां हसनखां मेवात नगर में दशलक्षण पर्व के समापन पर पल्लीवाल जैन समाज की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। समारोह में दशलक्ष्ण पर्व के दौरान उपवास रखने वालों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अपरिग्रह जहां जरूरत से अधिक चीजों को एकत्र नहीं करने के लिए प्रेरित करता है वहीं अहिंसा के सिधांत के बल पर भारत को गांधीजी ने आजाद करा लिया था। जैन धर्म के सभी सिधांत सर्वकालिक प्रासंगिक हैं।
उन्होंने बताया कि अनेकांत वाद भी सही जीवन की शिक्षा देता है यह हमें सिखाता है कि केवल हम ही सही नहीं, दूसरे भी सही हो सकते हैं। इसे हमें समझना होगा, तभी हम एक दूसरे को सम्मान देना सीखेंगे। यदि इसे लागू किया जाए तो पूरे विश्व की अनेक समस्याएं समाप्त हो सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आदिनाथ जैन शिक्षण समिति के अध्यक्ष पवन जैन ने की। विशिष्ट अतिथि ओपी जैन, अतिरिक्त जिला कलेक्टर अलवर थे। इस अवसर पर समाज के लोग हजारों की संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरूआत में महावीरजी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया और आमंत्रित अतिथियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर बालिकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। जिसे सभी ने सराहा। समारोह में समाज की युवा इकाई के अध्यक्ष मनोज जैन, अनुराग जैन, पूर्व निशक्तजन आयुक्त खिल्लीमल जैन सहित समाज के अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
No comments:
Post a Comment