Health Minister Rajasthan Inaugurates 'Niramaya' program | चिकित्सा मंत्री ने किया ‘निरामया‘ कार्यक्रम का शुभारम्भ
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जनजागरूकता हेतु जायेंगे चिकित्सक दल
चिकित्सा मंत्री ने किया ‘निरामया‘ कार्यक्रम का शुभारम्भ |
जयपुर, 25 सितम्बर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ ने मंगलवार को प्रातः ‘‘निरामया‘‘ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। जनजागरूकता का इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हैल्थ, सेनीटेशन एंड हाईजीन की जानकारियांे का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। चिकित्सा मंत्री ने स्वस्थ गांव: स्वस्थ राजस्थान की 10 थीमों के ‘निरामया‘ आईईसी पोस्टर एवं माॅड्यूल पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया।
श्री सराफ ने बताया कि निरामया कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में 26 सितम्बर, 24 अक्टूबर, 31 अक्टूबर, 14 नवम्बर एवं 28 नवम्बर को अभियान चलाया जायेगा। प्रदेश के 7 जिलों - अजमेर, बीकानेर, जयपुर, कोटा, झालावाड, जोधपुर एवं उदयपुर के चिन्ह्ति गांवों में राजकीय एवं निजी मेडीकल कालेजों के तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों द्वारा आमजन को प्रिवेन्टिव हैल्थ केयर एंड हैल्दी लिविंग स्टाईल के बारे में जानकारियां दी जायंेगी। प्रत्येक टीम में राजकीय व निजी मेडिकल कालेज के 2 विद्यार्थी रहेंगे।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि दो चरणों में आयोजित होने वाले इस निरामया कार्यक्रम में जागरूकता की कुल दस थीम रहेंगी। निर्धारित शॅड्यूल के अनुसार टीमें मेडिकल कालेज से रवाना होकर चिन्ह्ति गांवों में जाकर ग्रामवासियों को निर्धारित हैल्थ थीम पर ग्रामीणों से विस्तार से चर्चा करेंगी। उन्होंने बताया कि टीमे आमजन में घरों के आस-पास खुली नालियां नहीं रखने, कचरा इधर-उधर नहीं फेंकने, मौसमी बीमारियों की रोकथाम के प्रयास करने, मच्छर प्रजनन रोकथाम की जानकारी, पेयजल स्रोतों की उचित देखभाल करने, खुले में शौच की रोकथाम सहित तंबाकू सेवन के दुष्परिणाम के बारे में जानकारियां दी जायेंगी।
स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम श्री नवीन जैन ने बताया कि निरामया अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं जीवन वाहिनी 104 अथवा 108 एम्बूलेन्स सेवा इत्यादि जनकल्याणकारी स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में गांव-ढाणियों के निवासियों तक सीधे पहंुचाया जा सकेगा। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये जिला, ब्लाॅक एवं कालेज स्तर कार्यक्रम संचालन के लिए सातों जिलों के जिला प्रजनन एवं षिषु स्वास्थ्य अधिकारी जिला नोडल अधिकारी होंगे एवं कार्यक्रम समन्वयक का दायित्व डीआईईसी को दिया गया है।
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