Learning and learning transfer
अधिगम और अधिगम स्थानान्तरण
जब हम कोई चीज सीखते हैं तो वह या तो किसी दूसरी चीज के सीखने में सहायक होती है या फिर बाधक होती है। यही प्रक्रिया अधिगम स्थानान्तरण कहलाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो जब एक विषय का सीखना किसी दूसरे विषय के सीखने में सहायक हो या बाधक हो तो इसे हम अधिगम स्थानान्तरण कहते हैं। अधिगम स्थानान्तरण कई प्रकार का होता है।
अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार ( Types of learning transfers )
1 धनात्मक स्थानान्तरण या सकारात्मक स्थानांतरण ( Positive transfer )
जैसे एक बार कार चलाना सीख लें तो किसी भी कंपनी की कार चलाई जा सकती है। या फिर जोड घटाव सीखने पर बाजार में सामान खरीदने में सहायता मिलती है।
2 ऋणात्मक स्थानान्तरण या नकारात्मक स्थानान्तरण ( Negative transfer )
जैसे हम टाइप जानते हैं, लेकिन लेपटॉप पर टाइप करने में परेशानी होती है। या फिर भारत में गाडी का स्टेयरिंग दायीं तरफ होता है। सीख लेने के बाद हम आसानी से गाडी चला सकते हैं। लेकिन विदेशों में स्टेयरिंग बाई तरफ होता है। वहां हमें गाड़ी चलाना आने के बाद भी परेशानी होती है।
3 शून्य स्थानान्तरण ( Zero transfers )
जैसे हम टाइप जानते हैं, लेकिन गणित सीखने में इसका कोई योगदान नहीं होता। या टाइप से हमें गणित सीखने में कोई सहायता नहीं मिलती।
4 एक पक्षीय स्थानान्तरण ( Unilateral Transfar )
जैसे:-एक हाथ में चोट आने पर दूसरे हाथ से भोजन या अन्य कार्य करना।
5 द्विपक्षीय स्थानान्तरण ( Bilateral transfer)
जैसे दायें हाथ से लिखने पर बायें हाथ से भी एक्शन होता है। या एक हाथ से वजन उठाने पर दूसरा हाथ स्वत: ही ऊपर हो जाता है। दायें हाथ से लिखना सीखने पर बायें हाथ से भी लिखना सीखा जा सकता है।
6 लम्बात्मक स्थानान्तरण ( Vertical Transfer )
जैसे गणित में पहले इकाई फिर दहाई फिर सैंकड़ा का ज्ञान दिया जाता है। फिर जोड, बाकी, गुणा, भाग आदि सिखाए जाते हैं। या बचपन में सीखी चीजें बड़े होने पर काम आती हैं। यह धनात्मक और ऋणात्मक हो सकता है।
7 क्षैतिज स्थानान्तरण ( Horizontal Transfer)
जैसे भूगोल का ज्ञान होने पर अर्थशास्त्र अच्छी तरह समझ आता है। एक भाषा के नियम सीखने पर दूसरी भाषा भी सीखी जा सकती है।
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