Learning and learning transfer : अधिगम और अधिगम स्थानान्तरण - NEWS SAPATA

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Monday, February 12, 2018

Learning and learning transfer : अधिगम और अधिगम स्थानान्तरण

Learning and learning transfer

अधिगम और अधिगम स्थानान्तरण


सबसे से पहले यह सवाल आता है कि आखिर अधिगम स्थानान्तरण है क्या। तो हम आपको बता दें कि स्थानान्तरण का अर्थ है एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना। इसी से हम अधिगम स्थानांतरण को समझेंगे।
जब हम कोई चीज सीखते हैं तो वह या तो किसी दूसरी चीज के सीखने में सहायक होती है या फिर बाधक होती है। यही प्रक्रिया अधिगम स्थानान्तरण कहलाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो जब एक विषय का सीखना किसी दूसरे विषय के सीखने में सहायक हो या बाधक हो तो इसे हम अधिगम स्थानान्तरण कहते हैं। अधिगम स्थानान्तरण कई प्रकार का होता है।

अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार ( Types of learning transfers )

1 धनात्मक स्थानान्तरण या सकारात्मक स्थानांतरण ( Positive transfer )

जब पूर्व अर्जित ज्ञान नवीन ज्ञान के अर्जन में सहायक होता है तो वहां धनात्मक या सकारात्म्क स्थानान्तरण होता है।
जैसे एक बार कार चलाना सीख लें तो किसी भी कंपनी की कार चलाई जा सकती है। या फिर जोड घटाव सीखने पर बाजार में सामान खरीदने में सहायता मिलती है।

2 ऋणात्मक स्थानान्तरण या नकारात्मक स्थानान्तरण ( Negative transfer )

)
इसे निषेधात्मक स्थानान्तरण भी कहा जाता है। जब पूर्व अर्जित ज्ञान नवीन ज्ञान के अर्जन में बाधक बनता है तो वहां नकारात्मक स्थानान्तरण होता है।
जैसे हम टाइप जानते हैं, लेकिन लेपटॉप पर टाइप करने में परेशानी होती है। या फिर भारत में गाडी का स्टेयरिंग दायीं तरफ होता है। सीख लेने के बाद हम आसानी से गाडी चला सकते हैं। लेकिन विदेशों में स्टेयरिंग बाई तरफ होता है। वहां हमें गाड़ी चलाना आने के बाद भी परेशानी होती है।

3 शून्य स्थानान्तरण ( Zero transfers )

यहां स्थानान्तरण की अनुपस्थिति दर्शायी गई होती है। जब पूर्व अर्जित ज्ञान नए ज्ञान के अर्जन में बिल्कुल भी सहायक नहीं होता। या फिर इस तरह समझें कि जब किसी कार्य को करने की योग्यता अथवा ज्ञान का अन्य कार्यों को करने की योग्यता पर कोई प्रभाव नहीं डालता तो वहां शून्य स्थानान्तरण होता है।
जैसे हम टाइप जानते हैं, लेकिन गणित सीखने में इसका कोई योगदान नहीं होता। या टाइप से हमें गणित सीखने में कोई सहायता नहीं मिलती।

4 एक पक्षीय स्थानान्तरण ( Unilateral Transfar )


जब हम अधिगम के लिए शरीर के एक ही अंग का प्रयोग करते हैं तो वहां एक पक्षीय स्थानान्तरा होता है।
जैसे:-एक हाथ में चोट आने पर दूसरे हाथ से भोजन या अन्य कार्य करना।

5 द्विपक्षीय स्थानान्तरण ( Bilateral transfer)


शरीर के दो भाग हैं दायां और बायां। जब हम किसी एक भाग से कुछ सीखते हैं दूसरे भाग पर भी असर होता है।
जैसे दायें हाथ से लिखने पर बायें हाथ से भी एक्शन होता है। या एक हाथ से वजन उठाने पर दूसरा हाथ स्वत: ही ऊपर हो जाता है। दायें हाथ से लिखना सीखने पर बायें हाथ से भी लिखना सीखा जा सकता है।

6 लम्बात्मक स्थानान्तरण ( Vertical Transfer )


इसे उध्र्व स्थानान्तरण भी कहते हैं। इसका अर्थ है श्रेणीबद्ध तरीके से सीखना।
जैसे गणित में पहले इकाई फिर दहाई फिर सैंकड़ा का ज्ञान दिया जाता है। फिर जोड, बाकी, गुणा, भाग आदि सिखाए जाते हैं। या बचपन में सीखी चीजें बड़े होने पर काम आती हैं। यह धनात्मक और ऋणात्मक हो सकता है।

7 क्षैतिज स्थानान्तरण ( Horizontal Transfer)


किसी एक परिस्थिति में अर्जित ज्ञान, अनुभव या प्रशिक्षण का उपयोग उसी प्रकार की परिस्थितियों में किया जाता है तो वहां क्षैतिज स्थानान्तरण होता है।
जैसे भूगोल का ज्ञान होने पर अर्थशास्त्र अच्छी तरह समझ आता है। एक भाषा के नियम सीखने पर दूसरी भाषा भी सीखी जा सकती है।

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