Yash Murdar Case, The friend kept pressing the feet of the innocent throat
दोस्त ने पैर से दबाए रखा मासूम का गला, तडफ़ तडफ़ कर हुई यश की मौत
तीन दिन तक पुलिस नहीं लगा सकी यश का सुराग, जब सुराग लगा तब तक हो चुकी थी हत्या
Police could not find the key to success, When the clue was found, the murder was done
अलवर। जिन्हें बचपन से दोस्त माना, जिनके साथ खेल कूद कर बड़ा हुआ, उन्हीं दोस्तों ने एक मासूम का पहले अपहरण किया और फिर उसकी जान ले ली। पुलिस ने हत्या के पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।मामला राजस्थान के अलवर जिले के औद्योगिक कस्बे भिवाड़ी से जुड़ा हुआ है। बात १३ जनवरी की है। भिवाड़ी के हाउसिंग बोर्ड सेक्टर दो निवासी यश जांगिड़ का अपहरण हो गया। अपहरण कर्ताओं ने यश के परिजनों को उसी के फोन से फोन लगाया और ४० लाख रुपए की फिरौती मांगी। यह सुन घबराए परिजन पुलिस के पास पहुंचे और मामले की जानकारी दी, लेकिन खुफियातंत्र के कमजोर होने के चलते पुलिस समय पर न तो अपहरणकर्ताओं का पता ही लगा पाई ने ही मासूम की जान बचा पाई।
जिगरी दोस्त निकला हत्यारा
मामले का खुलासा करने के बाद भिवाड़ी एएसपी पुष्पेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया वारदात का मुख्य आरोपी दीपक मृतक यश का बचपन का दोस्त था। वह मृतक के घर आता जाता था। घटना वाले दिन 13 जनवरी की शाम दीपक यश को लेकर गया। दोस्त होने के नाते यश दीपक के साथ चला गया। दीपक यश को हरियाणा सीमा के द्वारकाधीश रोड पर सुनसान इलाके में ले गया। यहां पहले से दीपक के चार दोस्त साजिद, मुन्ना लोहार, हर्ष गुर्जर और आकाश राजपूत मौजूद थे। वहां वे लोग शराब पी रहे थे और उसके अपहरण का प्लान बना रहे थे। यश को उनके प्लान की भनक लग गई तो वह घर जाने की जिद करने लगा। इससे क्रोधित होकर दीपक ने यश को ऐसा धक्का दिया कि वह पत्थर पर जा गिरा और उसके सिर से खून आने लगा। इसी बीच शराब के नशे में चूर साजिद ने यश का गला अपने पैर से दबा दिया और उसकी वहीं तडफ़ तडफ़ कर मौत हो गई। बदमाशों ने शव को वहीं नाले में पटक दिया और फरार हो गए।भागलपुर की ट्रेन में मंगाई फिरौती की रकम
इनमें से मुन्ना, हर्ष गुर्जर और आकाश भिवाड़ी में ही रहे जबकि मुख्य आरोपी दीपक और साजिद दिल्ली भाग गए। वे यश का मोबाइल भी ले गए और उसी से यश के परिजनों को फिर से फोन कर 40 लाख की फिरौती मांगी। फूलबाग थाने में मामला दर्ज होने के तीन दिन बाद भी पुलिस बदमाशों का पता नहीं लगा सकी। तीन दिन बाद अपहरणकर्ताओं ने फिर फोन किया और रकम 40 की जगह 20 लाख कर दी और रकम लेकर परिजनों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बुलाया और बिहार के भागलपुर वाली ट्रेन में पैसे लेकर बैठने को कहा। पुलिस ने बदमाशों को जाल बिछाकर यहां दबोच तो लिया लेकिन इससे पहले ही वे यश की हत्या कर चुके थे। बदमाशों ने हत्या करना कबूल कर लिया है। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर यश का शव बरामद कर लिया है। बदमाशों को सक्षम न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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