These youths have changed the dirty ' GharWari 'इन युवकों ने बदलडाली गंदी घरवारी
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गोवर्धन परिक्रमा पथ को किया साफ
Cleaned Govardhan Parikrama Path under Clean India Movement
डीग। एक दिन पहले तक राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग उपखंड के गांव घरवारी में से होकर किसी का गुजरना मुश्किल था। गांव में कीचड़, गंदगी और दुर्गन्ध का काला साम्राज्य कायम था, लेकिन पंचायत भी इसे चुनौति नहीं दे सकी। इस काले साम्राज्य को चुनौती दी गांव के राजपूत ठाकुर युवा मंडल ने। मंगलवार को इस मंडल के युवकों ने मिलकर ऐसा अभियान चलाया कि कुछ ही घंटों में न केवल गांव की तस्वीर बदलती नजर आई बल्किा वर्षों से कायम कीचड़, गंदगी और दुर्गन्ध का सम्राज्य धूमिल होता नजर आयास। ग्रामीणों ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस कार्य को अंजाम दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव घरवारी से गुजरने वाले चक घरवारी की ओर मुख्य रास्ते और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के सामने आम रास्ते में जल भराव से राहगीरों और स्कूली बच्चों को आवागमन में बहुत परेशानी होती थी। रास्ते की सफाई एवं गंदे पानी के निकास के लिए कई बार ग्राम पंचायत को कहा गया लेकिन ग्राम पंचायत कुछ नहीं कर सकी। सरपंच निठल्ला साबित हुआ। ऐसे में निराश होने के बजाय गांव के युवाओं के इस संगठन ने खुद ही सफाई कार्य को अंजाम देने की ठान ली। युवाओं ने देखते ही देखते गांव के हर आम रास्ते की सफाई कर डाली और स्कूल के सामने कीचड़ को हटाकर साइडों में नाली बनाई गई। जिससे गांव के गंदा पानी नाली के रास्ते बाहर निकल सके।
इसी तरह चक घरवारी की ओर जाने वाले रास्ते में जमा पानी के निकास के लिए नाली बनाकर पास से गुजर रही नहर में डाला गया। जिससे रास्ते के बीच कीचड़ व पानी जमा न हो सके। गांव से होकर कठेरा चौथ की ओर जाने वाले रास्ते को भी युवाओं ने चमका दिया। युवा मंडल के सदस्यों ने गांव में प्रत्येक सप्ताह गांव की सफाई का संकल्प लिया है। साथ ही प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को साकार करने में अपनी भूमिका के लिए तैयार दिख रहे हैं। इस सफाई अभियान को देवी सिंह, भम्मा, बलराम, मोहनश्याम, गीतम, अरुण, जीतू, गौरव, विष्णु, जग्गो, दीपक, गिरधारी, वासुदेव, ओमप्रकाश, चंद्रपाल व प्रवीण कुमार ने अंजाम दिया। ग्रामीणों ने भी उनका सहयोग दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि गोवर्धन परिक्रमा के लिए गहनावली, बदगढ़, सोनगांव, बरावली आदि गांवों के लोग भी घरवारी के रास्ते ही अधिकाधिक मात्रा में निकलते हैं। जिससे यह परिक्रमा का मुख्य मार्ग बन गया है। इसके बावजूद भी ग्राम पंचायत का इस रास्ते की और बिल्कुल ध्यान नहीं है।
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