मुम्बई की बाढ़ का सबसे बड़ा साइडइफेक्ट
मुम्बईवासियों के लिए पिछले दिनों बाढ़ ने मुसीबत खड़ी कर दी थी। अब बाढ़ के बाद महामारी के रूप में आने वाले साइडइफेक्ट्स मुम्बईवासियों को परेशान कर सकते हैं। लेकिन इस शख्स ने जो बयान दिया है वह अभी तक का बाढ़ का सबसे बड़ा साइडइफेक्ट के रूप में सामने आया है। क्योंकि बाढ़ और उसके बाद फैलने वाली बीमारियों से सरकार निपट सकती है लेकिन इस तरह के साइडइफेक्ट से निपटना सरकार के लिए भी मुश्किल होता है। तो आइये जानते हैं क्या है यह सबसे बड़ा साइडइफेक्ट।
बाढ़ के ये कारण आप भी जान लें
बाढ़ क्यों आई इसके कारण तलाशने के लिए मुम्बई सरकार और बीएमसी जुटे हुए हैं। लेकिन ठाकरे परिवार बाढ़ के जो कारण बता रहा है वह भी जानना जरूरी है।शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का कहना है कि बाढ़ का कारण च्यूईंगगम है तो उनके बेटे आदित्य ठाकरे कह रहे हैं कि प्लास्टिक के कारण बाढ़ आई है। उनके चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे का कहना है कि मुम्बई में रह रहे उत्तर भारतीयों के कारण बाढ़ आई है। इस पर कांग्रेस के संजय निरूपम ने बयान भी दिया है उनका कहना है कि राजठाकरे उत्तरभरतीयों के सिर ठीकरा फोडऩा ही राजठाकरे की राजनीति है।
ठाकरे परिवार के तर्कों की हकीकत
प्लास्टिक का तर्क जहां तक है वह सही हो सकता है। क्योंकि प्लास्टिक नालियों को अवरुद्ध कर देता है इससे पानी की निकासी नहीं हो पाती। यह बाढ़ का एक कारण हो सकता है और इस पर सरकार को सख्ती भी करनी चाहिए। च्युईंगगम वाले तर्क की जहां तक बात है तो यह तर्क बाढ़ की कसौटी पर खरा नहीं उतरता। क्योंकि इतनी च्युईंगगम नहीं खाई जाती कि बाढ़ आ जाए। राज ठाकरे के तर्क को कुतर्क ही कहा जा सकता है। उन्हें कुछ बोलना था इसलिए उन्होंने बिना सोचे समझे बोल दिया। उनका यह तर्क दरकिनार करने योग्य ही है। बीएमसी की नाकामी को छिपाने के लिए ऐसे तर्क देने से अच्छा होता कि बाढ़ के सही तरीकों का पता लगा आगे बाढ़ नहीं आए ऐसे उपाय किए जाते।
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