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Monday, September 4, 2017

उमा भारती की कुर्सी बचाने में है इनका हाथ

उमा भारती की कुर्सी बचाने में है इनका हाथ

 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल विस्तार और मंत्रियों में विभाग के बंटवारे को लेकर एक बार फिर राजनीतिक जानकारों को चौंका दिया है। निर्मला सीतारमण को रक्षामंत्री का पद देने से राजनीतिक जानकार हैरान हैं। उधर उमा भारती का जाना तय लग रहा था लेकिन उन्हें मंत्रीमंडल में बनाए रखा जाना भी लोगों को चौंका रहा है। आइये जानते हैं इसके पीछे की वजह।

प्रहलाद पटेल की रही चर्चा पर नहीं बने मंत्री

मध्य प्रदेश के दमोह से सांसद प्रहलाद पटेल को मंत्रीमंडल में लिया जाना तय माना जाता था। ये वही पटेल हैं जिन्हें उमा भारती का बहुत करीबी माना जाता रहा है। उम्मीद थी कि अब इन्हें मंत्री बनाया जाएगा। क्योंकि जातिगत समीकरण देखें तो पटेेल और उमा भारती दोनों ही लोधी समाज से ही आते हैं। दूसरा पटेल ने मणिपुर में कमल खिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी और इसके कारण वे मोदी और भाजपाअध्यक्ष के करीब भी आ गए थे। लेकिन मंत्रीमंडल विस्तार में उन्हें निराश होना पड़ा है।

उमा के पीछे किसका हाथ

उमा भारती को मंत्री मंडल में बनाए रखा गया है। इसके पीछे संघ का हाथ बताया जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मथुरा में संघ की बैठक हुई थी जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे। वहीं उन्हें उमा भारती को हर हाल में मंत्री बनाए रखने का सख्त संदेश दिया गया था। यही कारण है कि उमा बच गई और पटेल मंत्री बनने से रह गए।

प्रहलाद पटेल का संक्षिप्त परिचय

प्रहलाद पटेल 28 जून 1960 को नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव नगर में पैदा हुए थे और वे एलएलबी हैं। पटेल वर्ष 1989 में पहली बार नौवीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए थे। वर्ष 2003 में वे केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री रहे।
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