आखिर जेल में क्यों पहुंची इतनी सारी महिलाएं
रक्षाबंधन पर जेल का नजारा कुछ अलग था। यहां कैदियों से अधिक महिलाओं की संख्या थी। देखने वाले को एक बार अचंभा लगे कि इतनी महिलाएं यहां क्या कर रही हैं। लेकिन रक्षाबंधन पर्व ऐसा ही है जब बहन अपने भाई को राखी बांधे बिना नहीं रह सकती। चाहे वह कहीं भी हो।
अलवर में रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाइयों पर राखियां बांधी और मुंह मीठा करा तिलक किया और उनकी लंबी उम्र और सफलता की कामना की। भाइयों ने उपहार देकर बहनों के प्रति अपना प्रेम दर्शाया और उनकी रक्षा का वचन दिया। अलवर में रक्षाबंधन पर पतंगबाजी का दौर चलता है, लेकिन बरसात के कारण पतंगबाज छतों के की जगह घरों में अंदर कैद नजर आए। बाजार में इस दिन खूब मिठाइयां भी बिकती हैं लेकिन बरसात ने मिठाई बाजार भी सूना कर दिया। रक्षा बंधन के दिन बाजार में सजी राखी की दुकानों पर दुकानदारों को त्रिपाल लगाने पड़े ताकि राखियां भीगकर खराब नहीं हो सकें।
रोडवेज में रही भीड़
फौजी छावनियों में बांधी राखी
जेल में बांधी राखी
हिन्दुस्थान समामचार/पूनम सोनी
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