राजस्थान के बाद अब हरियाणा में कर्मचारी और सरकार में टकराव के हालात
आज हो सकती है बड़े आंदोलन की घोषणा
२६ सूत्री मांगों पर सरकार से सीधा टकराव
राजस्थान के बाद अब हरियाणा के कर्मचारी भी खट्टर सरकार की वादाखिलाफी से नाराज होकर सरकार से टकराव के मूड़ में हैं। सरकार से यह टकराव २६ सूत्री मांगों को लेकर है। कर्मचारी आंदोलन की घोषणा कल 20 अगस्त को मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र करनाल में होने वाली प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की रैली में की जा सकती है। यह आंदोलन हरियाणा कर्मचारी महासंघ की ओर से प्रयोजित हो सकता है।
संगठन के प्रांतीय महासचिव वीरेन्द्र सिंह धनखड़, वित्त सचिव दिलबाग अहलावत, संगठन सचिव सुरेन्द्र मकडौली ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में दावा किया है कि प्रदेश के इतिहास में कल होने वाली आक्रोश रैली में काफी संख्या में कर्मचारियों के शामिल होने की उम्मीद है।
कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी भरे लहजे में सरकार से प्रश्न किया कि उनके संगठन की राज्य सरकार के साथ मुख्यमंत्री तक कई दौर की वार्ता होने के बावजूद भी आज तक मांगों को धरातल पर लागू नहीं किया गया।
राज्य सरकार के अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदे जिनमें मुख्यत: सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से बिना शर्त स्थायीकरण, प्रदेश में खाली पड़े लगभग डेढ़ लाख पदों पर स्थाई व नियमानुसार स्थायी भर्ती, वेतनमानों में पिछली विसंगतियों को दूर करना, सभी खाली पदों पर पदोन्नति देना तथा सरकारी विभागों में की जा रही निजीकरण व ठेका प्रथा पर पूर्ण विराम लगाना, मेडिकल कैशलेस की सुविधा अधिसूचित करना, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार समान काम-समान वेतन की नीति लागू करना तथा न्यूनतम वेतनमान 26,000 रुपए करना आदि कुल २६ मांगें हैं।
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