जानिये कौन है दुनिया में सबसे अधिक जवान
भारत और भारत के लोग शुरू से ही दुनिया के लिए आश्चर्य का विषय रहे हैं। सतयुग में हरिश्चंद्र तो त्रेतायुग में राम द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण बीसवीं सदी में महात्मा गांधी तो इक्कसवीं सदी में नरेन्द्र दामोदर दास मोदी। महात्मा गांधी भी अपने पीछे पिता का नाम लगाते थे और पूरा नाम लिखते थे मोहनदास कर्मचंद गांधी इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपना पूरा नाम लिखते हैं नरेन्द्र दामोदर दास मोदी यानि पिता को सम्मान देने वाली पीढ़ी या परिवार का एक सदस्य मोदी को कह सकते हैं।
रुजवेल्ट की राह पर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को युवा वर्ग में रखा जाता है वे युवा कैसे है ओर क्यों है इसे समझने के लिए हमें युवाओं को तो समझना होगा युवाओं के लिए नरेन्द्र मोदी की बनाई नीतियों को भी समझना होगा तभी हम यह समझ पाएंगे कि चाय वाले बालक से देश के सबसे शक्तिशाली पद तक कैसे ओर किस सोच से पहुंचा जा सकता है इन सब को समझने के लिए हमें यह ध्यान में रखना होगा कि नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने युवाओं के लिए अनेक ऐसी योजनाएं बनाई हैं जिनकी बदौलत भारत के युवाओं की भुजाओं को बल मिल सके फ्रेंकलिन रुजवेल्ट ने कहा था कि हम हमेशा अपने युवाओं का भविष्य निर्माण नहीं कर सकते लेकिन हम भविष्य के लिए युवाओं का निर्माण तो कर सकते हैं मोदी इसी राह पर चल रहे हैं।
चिर युवा हैं नरेन्द्र मोदी
वर्तमान में भारत ऐसा देश है जिसकी 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु वर्ग की है इसी लिए भारत को युवा देश माना जाता है अनुमान है कि वर्ष 2022 तक भारतीय जनसंख्या की औसत आयु 28 वर्ष होगी जबकि चीन और दक्षिण एशियाई देशों की औसत आयु 35 वर्ष होगी भारत में वर्तमान में आबादी में 15 से 29 आयु वर्ग के लोगों की संख्या कुल जनसंख्या का करीब 27 प्रतिशत है हम कह सकते हैं कि दुनिया के देश जहां बुढाते जा रहे हैं वही भारत युवा हो रहा है वह अन्य देशों को भी युवा बना रहा है क्योंकि ऐसा कोई देश नहीं है जहां भारतीय नहीं हैं और उन देशों की तरक्की में भी भारतियों का उतना ही योगदान है जितना है कि वहां के स्थानीय निवासियों का भारत की यह युवा पीढ़ी रचनात्मक सामथ्र्य उत्साह ऊर्जा तकनीक निडरता जैसे लक्षणों से लैस है और किसी भी शक्ति का मुकाबला कर सकती है।
क्या चाहते है हमारे प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की नीति है कि युवाओं को कौशल प्रदान किया जाए क्योंकि जहां पहले रोटी कपड़ा और मकान मूलभूत आवश्यकताएं थी वहीं अब शिक्षा रोजगार और उद्यमिता मूलभूत आवश्यकताएं हो गई हैं इन्हें पाने के लिए हमें हुनरमंद युवा चाहिए वर्तमान में मोदी यही काम कर रहे हैं वे युवाओं को हुनरमंद बनाने की दशा में तेजी से प्रयास कर रहे हैं महात्मा गांधी का भी यही सपना था वे रोजगारपरक शिक्षा पर जोर देते थे कौशल भारत अभियान मुद्रा सेतु अटल इनोवेशन मिशन मेक इन इंडिया डिजीटल भारत जैसी अनेक योजनाएं जिनका एक ही उद्देश्य है कि भारत के युवाओं को तकनीक ओर रोजगार से लैस किया जाए बेरोजगारी दर कम की जाए ऐसा होने से अपराध अपने आप कम होंगे युवा भारत की जडें मजबूत होंगी वह पश्चिमी देशों की तरह अपराध के दलदल में फंसने से बचेगा अत: हम कह सकते हैं कि मोदी को यदि समझना है तो हमें उनकी नीतियों को समझना होगा इसके बाद हम खुद ही तय कर सकते हैं कि मोदी किस मिट्टी के बने हैं वे क्या हैं और क्या हमसे चाहते हैं।
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