जीओ की बदौलत आज हम चौथे युग के चौथे दरवाजे पर हैं
भारत की उन्नति में रिलायंस के योगदान को नकारा नहीं जा सकता विद कैश इकोनामी या कैश लैस इकोनामी व्यापार की दोनों अवस्थाओं में रिलायंस ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई है वर्तमान दौर डिजीटल क्रांति का है कहा जा रहा है कि यह क्रांति रोजगार विहीन क्रांति है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजीटल की अवधारणा के बीच २०१६ की अंतिम तिमाही में रिलायंस ने अचानक ऐसा ऑफर जनता के बीच फेंका कि डिजीटल क्रांति को पंख लग गए टेलीडेंसिटी में काफी तेजी से उछाल आया और प्रत्येक व्यक्ति मोबाइल, इंटरनेट और ४जी से जुड़ गया ४ जी मोबाइल मार्केट में भी उछाल आया यह भारत का मोबाइल जगत की चौथी पीढ़ी में पदार्पण था। जिस प्रकार सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग और कलयुग चार युग हुए हैं और हम चौथे युग में हैं उसी प्रकार चौथे युग के चार द्वार हैं और चौथा द्वार ४जी ही है जो कि मोबाइल के जरिये ही खुलता है मेरे कहने का अर्थ यह है कि हम रिलायंस की बदौलत चौथे युग के चौथे द्वार पर हैं और इसके आगे सब काम आसान और अच्छे होने वाले हैं।
जीओ नहीं यह इनसान का हाथ है
यह सब इतनी तेजी से हुआ कि आमजन यह समझ नहीं पाया कि कब वह डिजीटल युग में प्रवेश कर गया यह वह युग है जब सब काम इंटरनेट से होंगे मोबाइल अब लोगों का हाथ बन चुका है प्रत्येक काम के लिए आज इनसान इस पर निर्भर है हालांकि भारत अभी डिजीटल दौर के शुरूआती चरण में है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि रिलायंस की इस दौर का अगुआ है।
खतरा नहीं ग्राहक हित में हैं ऑफर
जहां तक रिलायंस के ऑफर टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री के लिए खतरा बनने की बात है तो हम कह सकते हैं कि आजकल खुले बाजार की अवधारणा है ग्राहक सस्ते और अच्छे ऑफर चुनता है तो रिलायंस का यह ऑफर ग्राहकों के हित में ही कहा जाएगा।
जीओ से लड़ाई आसान नहीं
जीओ से लडने के लिए बीएसएनएल वोडाफोन एयरटेल जैसी कंपनियां मैदान में हैं जहां तक रिलायंस से बराबरी का सवाल है तो तीनों कंपनियों को काफी मेहनत करनी होगी केवल सस्ते ऑफर देने से ही हम किसी से आगे नहीं निकल जाते इसके लिए बेहतर सर्विस भी देनी होती है तब कहीं जाकर जनता का विश्वास जमता है और बात ऑफर तक पहुंचती है रिलायंस ने ऐसा ही किया पहले सर्विस सुधारी और फिर ऑफर बाजार में उतारा जिसे जनता ने हाथों हाथ लिया।
अभी और सुधार की जरूरत
रिलायंस से जुडऩे वाले ग्राहकों की संख्या में कमी आने की जहां तक बात है तो अभी भी रिलायंस जीओ से कॉल करने के लिए ४ जी से कम फोन्स में जीओ एप डाउनलोड करना पडता है इससे अन्य कंपनी की सर्विस बाधित होने की समस्या अभी बनी हुई है जैसे किसी फोन में जीओ और एयरटेल दोनों सिम हैं जब हम जीओ एप डाउनलोड करते हैं तो जीओ सिम से कॉल तो होगा लेकिन एयरटेल से होने वाले कॉल्स डिस्टर्ब हो जाएंगे यह समस्या अभी बनी हुई है।
सस्ते और मंथली प्लान लाएं
भारत अभी इतना संपन्न नहीं हुआ है कि वह नेट के लिए तीन सौ रुपए महिना खर्च कर सके क्योंकि अभी भी भारत की करीब ६५ प्रतिशत आबादी ऐसी है जिसके लिए प्रतिमाह ३०० रुपए मोबाइल पर खर्च करना मुश्किल है ये लोग अभी भी १० २० और ३० रुपए के रिचार्ज से काम चलाते हैं अत: जीओ को अपना जलवा कायम रखने के लिए अभी और सस्ते मंथली प्लान पर काम करना होगा।
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