Rota virus New Vaccine Rotasiil-2 Dose Liquid
रोटा वायरस की नई वैक्सीन आई, देने का तरीका भी बदला
दौसा, 31 जनवरी । स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से रोटा वायरस से बचाव के लिए नई वैक्सीन लांच की गई है। वैक्सीन देने का तरीका भी बदला गया है। इस संबंध में निदेशालय की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुभाष बिलोनिया ने बताया कि रोटा वायरस से बचाव के लिए बच्चों को 4, 6 और 14 सप्ताह पर यह वैक्सीन ओरल रूप से दी जाती है। देने का समय अभी वहीं निर्धारित है, लेकिन देने का तरीका बदला गया है।
Difference between Rotavac and Rotasiil | रोटावैक और रोटासिल में अंतर
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सीताराम मीणा ने बताया कि नई वैक्सीन का नाम रोटासिल-2 डोज लिक्विड है। पहले रोटावैक दी जाती थी। उसके स्थान पर रोटासिल दी जाएगी। पहले पांच बूदें वैक्सीन की दी जाती थी, जबकि अब 2 एमएल दी जाएगी। इसके लिए एक विशेष प्रकार की 3 एमएल की सिरींज और अडॉप्टर भी जारी किया गया है।
अडॉप्टर में यही सिरींज फिट होगी, अन्य सिरींज को अडॉप्टर से नहीं जोडा जा सकेगा। वॉयल पर अडॉप्टर लगाकर 3 एमएल की सिरींज में 2 एमएल वैक्सीन भरी जाएगी और बच्चे को धीरे-धीरे ओरल दी जाएगी। एक सिरींज से एक ही बच्चे को खुराक पिलाई जा सकेगी। दूसरे बच्चे के लिए नई सिरींज का उपयोग करना होगा। सिरींज में निडिल का उपयोग नहीं किया जाएगा और सिरींज का एक बार उपयोग करने के बाद उसे इंजेक्शन के रूप में काम में नहीं लिया जा सकेगा।
पुरानी वैक्सीन में एक वॉयल में एक ही बच्चे के लिए डोज हुआ करती थी, लेकिन नई वैक्सीन रोटासिल-2 डोज की एक वॉयल में दो बच्चों के लिए डोज होगी। नई वैक्सीन ओपन वॉयल पॉलिसी के तहत नहीं है। इसलिए एक बार वॉयल खोलने के बाद 4 घंटे के अंदर उपयोग में लेना होगा। वॉयल खोलते समय उस पर दिनांक और समय लिखना जरूरी होगा।
कोल्ड चैन मेंटेन करने के तरीके के बारे में भी सभी बीसीएमओ को जानकारी दे दी गई है। वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के बीच स्टोर किया जा सकेगा।
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