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Saturday, September 8, 2018

sanskrit shabd roop table | संस्कृत के सभी 2400 शब्द रूप इस एक ही टेबल से बनाना सीखें

sanskrit shabd roop table 

संस्कृत के सभी 2400 शब्द रूप इस एक ही टेबल से बनाना सीखें 


संस्कृत में सबसे बड़ी परेशानी शब्द रूपों को लेकर होती है। संस्कृत में करीब 2400 शब्द हैं जिनके रूप हमें याद करने होते हैं। अब जाहिर सी बात है कि इतने सारे शब्द रूप याद हो जाएं यह संभव नहीं है। या फिर वे विरले ही लोग हैं जिन्हें इतने शब्द रूप याद हो सकें।

Important Questions from Snskrit Grammar or G.K.

लेकिन हर समस्या का समाधान होता है। जिसे अध्यापन की भाषा में ट्रिक कहते हैं। आजकल ट्रिक का जमाना है। यहां हमने भी कोशिश की है कि आपको सभी शब्द रूप एक साथ याद हो जाएं। या फिर आप किसी भी शब्द का रूप किसी भी विभक्ति और वचन में आसानी से बना सकें।

इसके लिए इस बुक में दिए गए सभी शब्दों को ध्यान पूर्वक पढ़ें और साथ ही अभ्यास भी करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको कभी भी रटने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सभी शब्द रूप आप आसानी से बना सकेंगे। इससे आपकी संस्कृत ग्रामर काफी हद तक मजबूत हो जाएगी।

सबसे पहले हम राम और मित्र शब्दों की बात करते हैं। दोनों ही शब्द अकारान्त पुलिंग हैं। पहले इनके रूप देख लेते हैं ताकि आगे समझने में आसानी हो।

राम: रामौ रामा:
रामम् रामौ रामान्
रामेण रामाभ्याम् रामै:
रामाय रामाभ्याम् रामेभ्य:
रामात् रामाभ्याम् रामेभ्य:
रामस्य रामयो: रामाणाम्
रामे रामयो: रामेषु
हे राम ! हे रामौ ! हे रामा: !
कृष्ण, नर, पुरुष, उदर, पर्वत, सागर, विद्यालय, ग्राम के रूप राम की तरह चलेंगे।

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मित्रम् मित्रे मित्राणि
मित्रम् मित्रे मित्राणि
मित्रेण मित्राभ्याम् मित्रै:
मित्राय मित्राभ्याम् मित्रेभ्य:
मित्रात् मित्राभ्याम् मित्रेभ्य:
मित्रस्य मित्रयो: मित्राणाम्
मित्रे मित्रयो: मित्रेषु
हे मित्र ! हे मित्रे ! हे मित्राणि !

इसी प्रकार नेत्र, नयन, फल, कमल, भोजन, जल, पुस्तक और नगर के रूप मित्र की तरह चलेंगे।
ये सभी रूप आप अपने आप बनाएं ताकि अभ्यास हो सके। रूप बनाने के बाद किसी भी पुस्तक से मिलान कर लें कि आपके बनाए रूप सही हैं या नहीं। इससे आपको रूप बनाना आसान हो जाएगा।
.................

दोनों रूप देखने के बाद अब आगे चलते हैं।

शब्द रूप में हम एक बात देखते हैं कि प्रथम और द्वितीय में तीनों वचनों में रूप कुछ कुछ अलग और कुछ कुछ समान होते हैं। लेकिन यहां हम इनकी बात बाद में करेंगे। पहले बात करेंगे तृतीय विभक्ति से लेकर सप्तमी विभक्ति तक। क्योंकि मैं जो यहां ट्रिक बताने जा रहा हूं उसमें इस टेबल का बड़ा योगदान है। आप इस टेबल को अगर एक बार ध्यान पूर्व पढऩे के बाद सीख गए तो आपको शब्द रूप बनाने में कभी कोई परेशानी नहीं होगी। क्योंकि यही टेबल मेरी सारी मेहनत का सार है। मेरे आदरणीय गुरुजी श्री अजीत सिंह जी ने यह टेबल मुझे सिखाई और मैं यहां आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं।

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13 comments:

  1. हमको टेबल नहीं मिल ॄऱःहोिई

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  2. Sir ye download hokr bhi open ni hore hai

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    Replies
    1. Same pinch mere the Nahi ho raha

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    2. मेरा भी नहीं हो रहा

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    3. इ बुक e book डाउनलोड के लिए यहां क्लिक करें:-

      http://imojo.in/2g23bp

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    4. This is a known trick. Nothing great!

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  3. Are aapko pata hai vah tric galti hai

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  4. अरे यार ये टेबल किधर है

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  5. इ बुक e book डाउनलोड के लिए यहां क्लिक करें:-

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    Rs.35 is the price. It is a 9 page pdf document.

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