इसी के साथ एनजीटी ने कहा पीएम 10 और पीएम 2.5 जब भी 500 और 300 से ऊपर जाएंगा दिल्ली सरकार ऑड ईवन बिना किसी नोटिफिकेशन के लागू कर सकती है। इससे पहले एनजीटी ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर कई सवाल दागे थे। ट्राइब्यूनल ने पूछा था कि आखिर यह फैसला इतनी जल्दबाजी में क्यों लिया गया। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड और दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चार पहिया वाहनों के मुकाबले दो पहिया से ज्यादा प्रदूषण होता है। कुल प्रदूषण में 20 प्रतिशत योगदान दो पहिया से ही होता है।
एनजीटी का मानना है कि पानी का छिडक़ाव प्रदूषण को नियंत्रित करने का बेहतर आईडिया है। ट्राइब्यूनल ने यूपी सरकार से भी पूछा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने वाले कितने लोगों के चालान काटे गए।
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