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Monday, October 16, 2017
पुष्य नक्षत्र में क्या और क्यों खरीदें ?
दोस्तों सबसे अधिक व्रत और त्योहार हिन्दू धर्म में मनाए जाते हैं। सबका अपना अपना महत्व होता है। सभी त्योहारों को मनाने में मुहूर्त का भी बहुत बड़ा महत्व होता है। वैसे तो सभी दिन भगवान ने बनाए हैं और सभी दिन शुभ भी होते हैं। हमारे हिन्दु धर्म में हर दिन एक देवता के नाम पर होता है। फिर भी शास्त्रों में शुभ अशुभ मुहूर्त का विधान किया गया है। इन्हीं में एक होता है पुष्य नक्षत्र। माना जाता है इस नक्षत्र में की गई खरीदारी फलदायी होती हैै।
माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र स्थायी होता है। इसलिए दिवाली से पूर्व इस नक्षत्र में खरीदी गई वस्तुएं अधिक समय तक उपयोगी और अक्षय रहती हैं। इन वस्तुओं से हमेशा शुभ और लाभ ही होता है। ऐसा शास्त्रों में विधान किया गया है।
माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं। इसके अलावा शनि देव इस नक्षत्र का दिशा प्रतिनिधि हैं। ज्योतिष और शास्त्रों के अनुसार बृहस्पति शुभ, बुद्धि और ज्ञान के प्रतीक माने गए हैं। जबकि शनि देव को स्थायित्व का प्रतिनिधि माना जाता है। पुष्य नक्षत्र में इन दोनों का योग होता है। इसलिए इस नक्षत्र को शुभ और चिर स्थायी माना जाता है और इस नक्षत्र में की गई खरीदारी हमें लंबे समय तक लाभ देती है।
वैसे तो कुछ भी इस नक्षत्र में खरीदा जा सकता है। लेकिन जैसा कि मैने बताया कि हर चीज का अपना महत्व होता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र में यदि सोना या सोने से बनी चीजें खरीदी जाएं तो उचित रहता है। इससे भाग्य जल्दी उदय होता है। क्योंकि सोने को सबसे अधिक शुद्ध पवित्र और अक्षय धातु माना गया है। चिरकाल तक इसका उपयोग बना रहता है और यह हमारे बुरे वक्त में साथ देता है। इसलिए सोने की खरीदारी पुष्य नक्षत्र में सबसे अधिक शुभ मानी गई है।
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