देवता भी करते थे शृंग वेर का उपयोग आप करेंगे तो मिलेंगे ये फायदे
दोस्तों प्रकृति ने हमें ऐसी चीजें बख्शी हैं जिनका उपयोग इतना फायदेमंद होता है कि हम सोच भी नहीं सकते। इन्हीं में से एक चीज है शृंग वेर। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि शृंगवेर इतना अधिक फायदेमंद है कि देवता भी इसका उपयोग करते थे। तो आइये हम आज आपको बताते हैं कि शृंगवेर क्या है और कैसे इसका उपयोग किया जाता है।
शृंगवेर के बारे में जानकारी
शृंगवेर तीखा चटपटा और स्वादिष्ट होता है। इसका उपयोग प्राचीन काल से ही होता रहा है और आज भी लोग घरों में इसका उपयोग करते हैं। यह घरेलु तौर पर मसालों के रूप में और औषधियों के रूप में भी काम आता है। आज समझ गए होंगे कि मैं किसके बारे में बात कर रहा हूृं। जी हां शृंगवेर को अदरक भी कहते हैं। संस्कृत में इसे शृंगवेर कहा जाता है। यह दो प्रकार का होता है। रेशेदार और बिना रेशे वाला।
जोड़ों के दर्द में लाभदायक
अगर किसी को जोड़ों का दर्द है तो शृंगवेर का उपयोग इस तरह से करना चाहिए। एक किलो शृंगवेर के रस में करीब आधा किलो तिल्ली का तेल मिलाएं। इसे गैस या चूल्हे पर गर्म करें। तब तक गर्म करना है जब तक कि इसमें से शृंगवेर का रस जल नहीं जाए। अब आपके पास केवल इस मिश्रण में तेल शेष रह जाएगा। इस तेल को ठंडा कर शीशी में भर लें और रोजाना जोड़ों पर इसकी मालिश करें। इससे आपका घुटनों का दर्द ठीक जाएगा।भूख को बढ़ाता है
आज के समय में कुछ लोगों को भूख नहीं लगती है और उनका शरीर भोजन की कमी से स्वस्थ नहीं रह पाता। आप इसका उपाय करने के लिए शृंगवेर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए शृंगवेर और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर नियमित रूप से पिएं। अगर आपके गले में कफ चिपका हुआ है तो आप इस रस में काला नमक सेंधा नमक कालिमिर्च और नौसादर स्वदानुसार मिलाकर चाट सकते हैं। आपका कफ तुरंत निकल जाएगा।दोस्तों आपको यह पोस्ट कैसी लगी कमेंट बॉक्स में लिखें। अच्छी लगी तो लाइक और शेयर करें। ऐसी ही अन्य पोस्ट पढ़ते रहने के लिए और हमसे जुड़े रहने के लिए हमें फॉलो करें। धन्यवाद।
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