आठ दिन से यहां क्यों डटे हैं लाखों किसान
राजस्थान के सीकर जिले में लाखों की संख्या में किसान बैठे हैं। किसानों की कुछ मांगें हैं जिन्हें वे मनवाना चाहते हैं। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 11 सितम्बर को ऐसा करेंगे कि सरकार की आंखें खुल जाएंगी। आइये जानिये आखिर पूरा मामला क्या है।
सिफारिशें की जाएं लागू
किसानों के कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर किसानों का सीकर जिला मुख्यालय पर महापड़ाव चल रहा है। शुक्रवार को आठवां दिन था। किसानों ने अब सरकार से आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
क्या होगा 11 सितम्बर को
राजस्थान के सीकर जिला मुख्यालय पर पिछले सात दिन से महापड़ाव डाले बैठे किसान नेताओं का अक्रोश फूट पड़ा है। वे कह रहे हैं कि सरकार नहीं सुन रही है। अब वे 11 सितम्बर को सरकार को सबक सिखाएंगे।
क्यों महत्वपूर्ण है 11 सितम्बर
किसानों का कहना है कि अब वे १1 सितम्बर को आन्दोलन के दूसरे चरण को शुरू करेंगे। इस चरण में वे चक्का जाम करेंगे। यह जाम हर गांव हर ढाणी और सीकर में किया जाएगा। इसके बाद कलेक्ट्रेट में भी घेराव किया जाएगा। किसान अभी वहीं बैठे हैं।
पूर्व विधायक अमराराम और पेमाराम ने भी साफ कर दिया है कि जब तक किसानों की कर्ज माफी नहीं होती है और स्वमीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं होती वे महापड़ाव पर ही रहेंगे।
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