मिर्गी का दौरा आए तो करें यह उपाय
दोस्तों रोग कोई सा भी हो खराब ही होता है। लेकिन कुछ रोग ऐसे होते हैं जिनमें दौरा पड़ता है और वह समय नहीं देखता। दौरा कहीं भी आ सकता है। ऐसा ही रोग है मिर्गी। इसमें रोगी को कभी भी कहीं भी दौरा पड़ सकता है। ऐसे में सतर्कता और रोग के पूर्ण उपचार की सख्त जरूरत होती है। आज हम आपको मिर्गी के रोग के कारण और निवारण बताएंगे।
मिर्गी के बारे में जानकारी
दुनिया में करीब 0.5 प्रतिशत लोगों को मिर्गी के दौरे आते हैं। अंधविश्वास के चलते इसे अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। कुल मिलाकर करीब ४० के मिर्गी के दौरे पड़ते हैं जिनके बारे में विभिन्न शोधों में पता लगाया जा चुका है। हमारा मस्तिष्क दो भागों में बंटा होता है और मिर्गी के दौरे को भी दो भागों में बांटा जा सकता है। आंशिक दौरे में मस्तिष्क का आधा भाग प्रभावित होता है और पूर्ण दौरे में मस्तिष्क का पूरा भाग प्रभावित होता है।क्यों आता है मिर्गी का दौरा
वैज्ञानिका शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि हमारे मस्तिष्क में अनेक छोटी बड़ी कोशिकाएं होती हैं। इन्हें न्यूरोन्स कहते हैं। इनमें विद्युत तरंगें प्रवाहित होती रहती हैं जिनके द्वारा मस्तिष्क अपना कार्य करता है। जब ये तरंगे अधिक मात्रा में बनती हैं तो हमारा मस्तिष्क नियंत्रण से बाहर हो जाता है और इसे ही मिर्गी का दौरा पडऩा कहते हैं। कुछ लोग दो चार सेकंड में ही इससे उभर आते हैं तो कुछ लोगों को यह दौरा तीन चार मिनट तक रह सकता है।इसलिए पड़ता है मिर्गी का दौरा
दिमागी बुखार दिमाग में सूजन दिमाग में रक्त स्राव होने के कारण मिर्गी के दौरे आ सकते हैं। इसके अलावा यदि गर्भावस्था में माता को कोई दिमाग संक्रमण हो जाए तो बच्चे को मिर्गी के दौरे आ सकते हैं। बच्चे को भी पैदा होते ही इसीलिए रुलाया जाता है क्योंकि अगर तीन मिनट वह नहीं रोता है तो उसे मिर्गी के दौरे आ सकते हैं। इसके अलावा भी अनेक कारण हो सकते हैं। राहत की बात यह है कि यह संक्रामक रोग नहीं है।दौरा पडऩे पर क्या करें
जब भी किसी को मिर्गी का दौरा आए तो सबसे पहले उसके कपड़े ढीले कर दें और उसे अधिक कस कर नहीं पकड़ें। उसके मुंह में कोई भी चीज यहां तक कि पानी भी नहीं डालें नहीं हो यह सांस की नली में फंस सकता है और रोगी की मौत हो सकती है। यदि चार पांच मिनट में ही दौरा ठीक हो जाए तो रोगी को आराम करने दें। यदि इससे अधिक देर हो तो तुरंत डाक्टर के पास ले जाएं। घबराने की जरूरत इसलिए नहीं है कि मिर्गी के दौरे जान के लिए घातक नहीं होते।कैसे करें उपचार
आजकल मिर्गी के दौरे का इलाज संभव है। किसी अंधविश्वास या बाबा के चक्कर में नहीं पड़ें। इसका इलाज मेडिकल साइंस में है। यह हो सकता है कि इलाज छह माह या साल भर से अधिक चले। इसके बाद भी इलाज नहीं होता है तो ऑपरेशन के जरिये इसका उपचार हो सकता है। आप किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाएं।दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट में लिखें। अच्छी लगी तो लाइक और शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य पोस्ट पढ़ते रहने के लिए और हमसे जुड़े रहने के लिए हमें फॉलो करना नहीं भूलें। धन्यवाद।
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