सर्दियों के दिन बड़े अच्छे होते हैं। इन दिनों में कुछ खाओ पिओ सब पच जाता है। क्योंकि ऊर्जा की जरूरत अधिक होती है। इसलिए सर्दियां सेहत बनाने के लिए भी अच्छी होती हैं। सर्दियों में ही आता है बथुआ। जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत काम का होता है। इसे कई प्रकार से खाया जा सकता है और इसके इतने फायदे हैं कि गिनते गिनते थक जाएंगे लेकिन फायदे कम नहीं होंगे। इसलिए सर्दियों में अधिक से अधिक बथुए का सेवन करना चाहिए।
ये मिलते हैं फायदे
आयुर्वेद के अनुसार बथुए का सर्दियों में प्रतिदिन सेवन करने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। इसके अलावा बथुआ का साग आमाशय को बलवान बनाता है। कई बार गर्मियों में कुछ लोगों का यकृत बढ़ जाता है। सर्दियों में यदि बथुए का सेवन नियमित किया जाए तो यह ठीक हो जाता है। बथुए में लोहा पारा सोना और क्षार तत्व प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।
इस तरह करें सेवन
बथुआ हरी सब्जी है। यह पत्तियों के रूप में होता है और गेहूं की फसल के साथ उग आता है। बथुए की भुजिया बनाकर खाएं लेकिन इसमें नमक बहुत कम रखें। हो सके तो केवल सेंधा नमक मिलाकर इस भुजिया को देसी घी में छौंकें। बथुए का रायता भी बनाकर खाया जा सकता है। इसका नियमित सेवन करना चाहिए।
बथुए के औषधीय गुण
किसी को कब्ज है तो बथुआ खिलाएं। यह आमाश्य को शक्ति देता है और कब्ज दूर करता है। बथुआ दस्तावर होता है पेट साफ करता है। लगातार कुछ सप्ताह तक या सर्दियों में नियमित बथुए का साग खाया जाए तो कब्ज दूर हो जाता है और चुस्ती फुर्ती आती है।
पेट के रोगों में रामबाण
बथुए का साग खाने से काफी बीमारियां दूर होती हैं। लेकिन यदि बथुए का रस या बथुए को पानी में उबाल कर उस पानी का सेवन करें तो पेट के हर प्रकार के रोग जैसे अर्श यकृत तिल्ली गैस पेट के कृमि होना अजीर्ण पेट में दर्द पथरी जैसे रोग ठीक होते हैं।
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