भूरासिद्ध मंदिर में बनेगा योग पार्क
सिंघानिया परिवार ने दिखाई रुचि
अलवर.
भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक अलवर का भूरासिद्ध आश्रम शीघ्र ही योग के लिए
भी जाना जाएगा। मंदिर में शीघ्र ही योग पार्क की स्थापना की जाएगी। इसके
अलावा मंदिर में और भी नवाचार किए जाएंगे। इनमें से कुछ का काम शुरू हो
चुका है। इनमें से कुछ कार्यों में देश के प्रसिद्ध उद्योगपति सिंघानिया
गु्रप ने रुचि दिखाई है और काम शुरू करा दिया गया है।
भूरासिद्ध मंदिर बेनामी संत संप्रदाय की भी प्रमुख पीठ है और यहां हनुमानजी की प्राचीन प्रतिमा भी स्थापित है। इसके अलावा मंदिर परिसर में श्रीराम दरबार मंदिर सहित अनेक देवी देवताओं के मंदिर और गौशाला भी विशेष आकर्षण का केन्द्र है। चूंकी मंदिर हरीभरी अरावली की गोद में जयपुर रोड पर बसा है। ऐसे में बरसात में मंदिर में रौनक स्वत: ही बढ़ जाती है। मंदिर के वर्तमान महंत अखलेशदास महाराज ने बताया कि मंदिर में जल्द ही योग पार्क की स्थापना की जाएगी। मंदिर के पास जमीन उपलब्ध है और दान दाताओं की कमी भी नहीं है। वर्तमान में योग जीवन को आसान बनाने का साधन मात्र ही नहीं वरन अध्यात्म का विषय भी है। ऐसे में इस प्रक्रिया से मनुष्य लोक और परलोक दोनों को संवार सकता है। इसके अलावा मंदिर परिसर में ही ब्रह्मलीन हुए महंत श्यामदास की समाधि बनने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा परिसर में देवी मंदिर और अन्य निर्माण कार्य भी जारी हैं। इसके अलावा गौशाला का विस्तार भी किया जाएगा। मंदिर में वर्तमान में 50 से अधिक गायें हैं, जिनका पालन पोषण मंदिर की ओर से किया जाता है।
भूरासिद्ध मंदिर बेनामी संत संप्रदाय की भी प्रमुख पीठ है और यहां हनुमानजी की प्राचीन प्रतिमा भी स्थापित है। इसके अलावा मंदिर परिसर में श्रीराम दरबार मंदिर सहित अनेक देवी देवताओं के मंदिर और गौशाला भी विशेष आकर्षण का केन्द्र है। चूंकी मंदिर हरीभरी अरावली की गोद में जयपुर रोड पर बसा है। ऐसे में बरसात में मंदिर में रौनक स्वत: ही बढ़ जाती है। मंदिर के वर्तमान महंत अखलेशदास महाराज ने बताया कि मंदिर में जल्द ही योग पार्क की स्थापना की जाएगी। मंदिर के पास जमीन उपलब्ध है और दान दाताओं की कमी भी नहीं है। वर्तमान में योग जीवन को आसान बनाने का साधन मात्र ही नहीं वरन अध्यात्म का विषय भी है। ऐसे में इस प्रक्रिया से मनुष्य लोक और परलोक दोनों को संवार सकता है। इसके अलावा मंदिर परिसर में ही ब्रह्मलीन हुए महंत श्यामदास की समाधि बनने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा परिसर में देवी मंदिर और अन्य निर्माण कार्य भी जारी हैं। इसके अलावा गौशाला का विस्तार भी किया जाएगा। मंदिर में वर्तमान में 50 से अधिक गायें हैं, जिनका पालन पोषण मंदिर की ओर से किया जाता है।
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