अलवर जिले के खैरथल के वार्ड नंबर एक निवासी इस किसान का नाम कमलेश पुत्र जगदीश है। जगदीश ने पत्र में लिखा है कि वह एक गरीब किसान है। वह लकवाग्रस्त होने के कारण आसानी से खेती नहीं कर पाता फिर भी जैसे तैसे खेती कर गुजर बसर कर रहा था। इसी बीच उसके खेत में बोरवैल सूख गया और उसके सामने खेत सिंचाई का संकट आ खड़ा हुआ। इसके बाद वह वहां से गुजर रहे एक गंदे नाले में पाइप लगा खेत में सिंचाई करने लगा लेकिन पालिका अधिकारियों ने उसका पानी बंद करवा दिया जबकि अन्य किसान वहीं से पानी लेकर खेती कर रहे हैं। ऐसे में उसके और उसके परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है। इसलिए उसे या तो सपरिवार आत्महत्या की अनुमती दी जाए या फिर नाले के पानी से खेत में सिंचाई की अनुमति दी जाये।
अलवर जिले के खैरथल के वार्ड नंबर एक निवासी इस किसान का नाम कमलेश पुत्र जगदीश है। जगदीश ने पत्र में लिखा है कि वह एक गरीब किसान है। वह लकवाग्रस्त होने के कारण आसानी से खेती नहीं कर पाता फिर भी जैसे तैसे खेती कर गुजर बसर कर रहा था। इसी बीच उसके खेत में बोरवैल सूख गया और उसके सामने खेत सिंचाई का संकट आ खड़ा हुआ। इसके बाद वह वहां से गुजर रहे एक गंदे नाले में पाइप लगा खेत में सिंचाई करने लगा लेकिन पालिका अधिकारियों ने उसका पानी बंद करवा दिया जबकि अन्य किसान वहीं से पानी लेकर खेती कर रहे हैं। ऐसे में उसके और उसके परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है। इसलिए उसे या तो सपरिवार आत्महत्या की अनुमती दी जाए या फिर नाले के पानी से खेत में सिंचाई की अनुमति दी जाये।
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